Sanskrit class 6 bihar board solution
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Bihar Textbook Sanskrit Class 6
Bihar textbook Sanskrit class 6 chapter 1 प्रार्थना
प्रश्न-उत्तर
[ प्रथमः पाठः ]
प्रार्थना
त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वं मम देव-देव ।।
तुम्हीं माता हो और तुम्हीं पिता हो, तुम्हीं बन्धु हो और
तुम्हीं मित्र हो | तुम्हीं विद्या हो, तुम्हीं धन हो, तुम्हीं सब कुछ हो, मेरे
देवताओं के देव |
नमो नगेन्द्राय
हिमालयाय,
नमो विशालाय च
सागराय ।
नदीगणेभ्यः सुख
साधनभ्यो,
देशाय तस्मै मम
भारताय ।।
पर्वतराज हिमालय को
प्रणाम है और विशाल सागर को प्रणाम है | नदी समूह के सुख साधनों के लिए मेरे उस
भारत देश को प्रणाम है |
Class 6 Sanskrit Chapter 1 Solution Bihar Board
[ अभ्यासः ]
{ मौखिकः }
Class 6 ka Sanskrit chapter 1
1. इन शब्दों का
अर्थ बताएँ -
द्रविणम्, सखा, विशालाय, नगेन्द्राय, मम।
उत्तर- द्रविणम्-धन, सखा-मित्र, विशालाय – विशालता के लिए
नगेन्द्राय - पर्वतराज को/ के लिए, मम-मेरा।
class 6 sanskrit
chapter 1 bihar board
2. “बन्धुश्च”
के
समान निम्नलिखित शब्दों को जोड़कर बोलें।
हरि: + च = हरिश्च । लोकः + च =
लोकश्च
पुनः + च = पुनश्च । अज:+ चरति
= अजश्चरति
class 6 sanskrit
chapter 1 bihar board
3. निम्नलिखित
शब्दों का चतुर्थी एकवचन में रूप बताएँ :-
सागर, विशाल, देश, पुत्र, हिमालय।
उत्तर- सागर - सागराय, विशाल - विशालाय, देश - देशाय,
पुत्र - पुत्राय, हिमालय - हिमालयाय
4. द्वितीय पद्य
का पाठ करें।
उत्तर-
नमो नगेन्द्राय हिमालयाय,
नमो विशालाय च सागराय ।
नदीगणेभ्यः सुख साधनभ्यो,
देशाय तस्मै मम भारताय ।।
Bihar board class 6 sanskrit chapter 1 prarthana
5. ‘नम:’ शब्द से
युक्त पाँच वाक्य बोलें।
उत्तर- हनुमते नमः, सूर्याय नमः, देवाय नमः, भारताय नमः, हिमालयाय नमः ।
लिखितः
Class 6 Sanskrit
Chapter 1 Solution Bihar Board
6. इन वाक्यों
में रिक्त स्थानों को सही शब्दों से भरें :-
(क) नमो ………… च सागराय।
उत्तर- विशालाय
(ख) ……….. तस्मै ………. भारताय।
उत्तर- देशाय, मम
(ग) …………. सर्व मम ……….।
उत्तर- त्वमेव, देव-देव
(घ) त्वमेव …………. द्रविणं त्वमेव
|
उत्तर- विद्या
(ङ) नदी ………. सुखसाधनेभ्यः |
उत्तर- गणेभ्यः
Class 6 Sanskrit
Chapter 1 Solution Bihar Board
7. संस्कृत
में अनुवाद करें –
तुम्हीं मेरे पिता हो
(असि)।
मैं ही पुत्र हूँ (अस्मि
) |
विशाल सागर को नमस्कार।
भारत देश को नमस्कार ।
भारत मेरा सबकुछ है
(अस्ति)।
उत्तर :-
तुम्हीं
मेरे पिता हो (असि)। त्वमेव मम पिता असि ।
मैं ही
पुत्र हूँ (अस्मि ) | अहमेव पुत्रम् अस्मि ।
विशाल सागर
को नमस्कार। विशालाय सागराय
नमः ।
भारत देश
को नमस्कार । भारताय देशाय नमः ।
भारत मेरा
सबकुछ है (अस्ति)। भारतः मम सर्वं
अस्ति ।
Sanskrit Chapter 1 Class 6 Bihar Board
8. इन शब्दों
से वाक्य बनाएँ-
द्रविणम्, तस्मै, मम, नदीगणेभ्यः, सखा
उत्तर- द्रविणम् – त्वमेव द्रविणम् असि।
तस्मै-
तस्मै नमः ।
मम
– सः
मम पिता अस्ति ।
नदीगणेभ्यः
– नदीगणेभ्यः
नमः ।
सखा
– रमेशः
मम सखा अस्ति ।
Class 6 Sanskrit
Chapter 1 Question Answer Bihar Board
9. भारत
की विशेषताओं पर पाँच वाक्य हिन्दी में लिखें।
उत्तर-
मेरा भारत विशाल है।
हिमालय भारत के उत्तर में
है।
भारत की भूमि उपजाऊ है।
भारत में अनेक पवित्र
नदियाँ बहती हैं।
भारत में
हिन्दू-मुसलमान-सिख-ईसाई मिलजुलकर निवास करते हैं।
class 6 sanskrit
chapter 1 bihar board
10. अपने स्मरण
से कोई श्लोक लिखें जो इस पाठ से भिन्न हो।
उत्तर- आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः
कृत्वा यं नावसीदति ||
मनुष्यों के शरीर में रहने
वाला आलस्य ही उनका सबसे बड़ा शत्रु होता है परिश्रम जैसा दूसरा कोई अन्य मित्र
नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता।
bihar board class 6
sanskrit chapter 1
11. निम्नलिखित का
सुमेल करें –
नग+इन्द्रः – (क) भारतम्
हिम+आलय – (ख) रामश्च
भरतः – (ग) नगेन्द्रः
सगरः – (घ) हिमालयः
राम:+च – (ङ) सागरः
उत्तर-
नग+इन्द्रः – (ग) नगेन्द्र:
हिम+आलय – (घ) हिमालयः
भरतः – (क) भारतम्
सगरः – (ङ) सागरः
राम:+च – (ख) रामश्च
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[ सरलपदपरिचयः ]
अभ्यासः
मौखिकः
1. उच्चारण करें-
(क) कम्बल – कम्बलम् (ख) कबूतर – कपोतः
(ग) आम – आम्रम्
(घ) लीची – लीचिका
(ङ) कछुआ - कच्छपः
2. इनका
संस्कृत रूप बताएँ -
घड़ा, तालाब, लाल, अमरूद, गर्म ।
उत्तर- घड़ा - घट: तालाब - तडाग: लाल - रक्तम्
अमरूद – अमृतफलम् गर्म - उष्णम्।
3. निम्न
शब्दों का वर्ण-विच्छेद करें –
(क) नरः - न् + अ + र् + अः
(ख) इदम् -
(ग) नेत्रम् -
(घ) गजः -
(ङ) अश्व: -
(च) पुष्पम् -
उत्तर :-
(क) नरः - न् + अ + र् + अः
(ख) इदम् - इ + द् + अ + म्
(ग) नेत्रम् - न् + ए + त् + र् + अ + म्
(घ) गजः - ग् + अ + ज् + अः
(ङ) अश्वः - अ + श् + व् + अः
(च) पुष्पम् - प् + उ + ष् + प् + अ + म्
{ लिखितः }
4. उपयुक्त शब्दों को मिलाकर वाक्य की रचना करें -
(क) गजा: गच्छतः
(ख) वयम् गायति
(ग) बालकौ
पतति
(घ) वृक्षः धावति
(ङ) अश्वः चलन्ति
(च) गायकः पठामः
उत्तर-
गजाः चलन्ति | वयम् पठामः | बालकौ गच्छतः |
वृक्षः पतति | अश्वः धावति | गायकः गायति |
class 6 sanskrit book
bihar board
5. वर्णों को मिलाकर शब्द बनाएँ –
उदाहरण -
(क) न् + अ + र्
+ अः = नरः
(ख) घ् + अ + ट् + अः = घटः
(ग) व्
+ ऋ + क्ष् + अ = वृक्षः
(घ) भ्
+ र् + अ + म् + अ + र् + अः = भ्रमरः
(ङ) ब्
+ आ + ल् + अः =
बालः
(च) प्
+ अ + ठ् + अ + त् + इ = पठति
class 6 sanskrit book
bihar board
6. कोष्ठक में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें -
यथा – बालिका
पठति – (बालिका/बालिकाः)
- अयम् ………………. | (बालकाः/बालक:/बालकौ)
- सा ………………. । (धावति/धावत:/धावन्ति)
- …………… नृत्यन्ति । (मयूरौ/मयूरा:/मयूरः)
- पुष्पाणि …….. । (विकसति/विकसन्ति/विकसत:)
- आवाम् …………. | (पठामि/पठावः/पठाम:)
- ................ कूर्दन्ति
। (नृपः/मण्डूक:/वानराः)
उत्तर-
- अयम् बालकः।
- सा धावति।
- मयूरा: नृत्यन्ति ।
- पुष्पाणि विकसन्ति ।
- आवाम् पठावः।
- वानराः कूर्दन्ति ।
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class 6 sanskrit
7. परस्पर मेल कीजिए :-
उत्तर :-
(क)
-------- (घ)
(ख) --------
(क)
(ग)
-------- (ङ)
(घ)
-------- (ग)
(ङ)
-------- (ख)
bihar board solution class 6 sanskrit
8.
उदाहरण के अनुसार रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :–
यथा :-
बालकः बालकौ बालकाः
(पुल्लिंग)
लता लते लताः
(स्त्रीलिंग)
फलम् फले फलानि
(नपुंसकलिंग)
(क) देवः .............. ..............
(ख) नरः .............. ..............
(ग) नृपः .............. ..............
(घ) पुष्पम् .............. ..............
(ङ) गृहम् .............. ..............
(च) बालिका .............. ..............
उत्तर :-
(क) देवः –
देवौ - देवाः
(ख) नरः – नरौ – नराः
(ग) नृपः – नृपौ – नृपाः
(घ) पुष्पम्
–
पुष्पे – पुष्पाणि
(ङ) गृहम् – गृहे – गृहाणि
(च) बालिका – बालिके – बालिकाः
Sanskrit class 6 bihar
board solution
9. संस्कृत
में अनुदित निम्नलिखित वाक्यों को दो बार लिखें -
यह लड़का
है। अयं बालकः अस्ति।
यह
विद्यालय है। अयं विद्यालयः अस्ति।
आम मीठा
होता है। आम्रं
मधुरं भवति।
वे
लड़कियाँ हैं। ताः बालिकाः सन्ति।
वह कौन है? सः कः अस्ति?
गृहोपकरणानि – (घरेलू उपकरण)
- एषा खट्वा
अस्ति। यह खटिया है।
- कम्बलम्
उष्णम् भवति। कम्बल गर्म होता है।
- घटः
पूर्णः अस्ति। घड़ा भरा हुआ है।
- पर्यड़्क:
विस्तृतः अस्ति। पलंग बड़ा है।
- अयम्
दर्पणः अस्ति | यह ऐनक है।
- वर्तिका
प्रज्वलिता अस्ति। मोमबत्ती जल रही है।
पशव –
- अश्वः
धावति । घोड़ा दौड़ता है।
- अजा
चरति। बकरी चरती है।
- गजः
विशालः भवति। हाथी विशाल होता है।
- उष्ट्रः
मरुस्थलस्य यानम् अस्ति। ऊँट रेगिस्तान की सवारी है।
- कच्छपः
मन्दम् चलति। कछुआ धीरे चलता है।
- कुक्कुरः
बुक्कति | कुत्ता
भौंकता है।
पक्षिण –
- मयूरः
नृत्यति। मोर नाचता है।
- कोकिल:
कूजति। कोयल कूकती है।
- कपोतः
तिष्ठति। कबूतर बैठता है।
- कुक्कुटः
अन्नम् खादति।
मुर्गा अनाज खाता है।
- हंसः
तडागे तरति। हंस तालाब में तैरता है।
पुष्पाणि –
- कमलम्
राष्ट्रीयम् पुष्पम् अस्ति।
कमल राष्ट्रीय फूल है।
- पाटलपुष्पम्
रक्तम् अस्ति।
गुलाब का फूल लाल है।
- इदम्
चम्पक-पुष्पम् अस्ति। यह चम्पा का फूल है।
- मल्लिका
विकसति। चमेली खिलती है।
- इदम्
जपा-पुष्पम् अस्ति। यह उड़हुल का फूल है।
फलानि –
- आम्रम्
मधुरम् फलम् भवति।
आम मीठा फल होता है।
- अमृतफलम्
पक्वम् अस्ति।
अमरूद पका है।
- सः
जम्बूफलम् खादति।
वह जामुन खाता है।
- द्राक्षा
अम्ला अस्ति। अंगूर खट्टा है।
- लीचिका
मधुरा कोमला च भवति। लीची
मीठी और मुलायम होती है।
- सेबम्
शोणम् भवति। सेब लाल होता है।
शरीरावयवाः -
- तस्य
ललाटम् विशालम् अस्ति। उसका मस्तक बड़ा है।
- नासिका
तुग्डा अस्ति।
नाक लम्बी है।
- कर्णः
सुन्दरः अस्ति। कान सुंदर है |
- नेत्रम्
आकर्षकम् अस्ति। आँख आकर्षक है।
- रामस्य
दन्ताः स्वस्थाः सन्ति। राम
की दाँते नीरोग हैं।
- अयम्
दीर्घः हस्तः अस्ति। यह
लम्बा हाथ है |
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Bihar Board Class 6 Sanskrit Chapter 3 संख्याज्ञानम्
[ तृतीयः पाठः ]
{ संख्याज्ञानम् }
एकः बालकः पठति | (पुं॰)
एक लड़का पढ़ता है।
एका बाला पठति | (स्त्री०)
एक
लड़की
पढ़ती
है।
एकम् पुष्पम् विकसति | (नपुं०)
एक
फूल
खिलता
है।
द्वौ अश्वौ धावतः | (पुं॰)
दो
घोड़े
दौड़ते
हैं।
द्वे महिले गायतः| (स्त्री०)
दो
महिलाएँ
गाती
हैं।
द्वे चक्रे भ्रमतः | (नपुं०)
दो
चक्के
घूमते
हैं।
त्रयः खगाः
कूजन्ति
| (पुं॰)
तीन
चिड़ियाँ
बोलते
हैं।
तिस्रः बालिकाः
क्रीडन्ति
| (स्त्री०)
तीन
लड़कियाँ
खेलती
हैं।
त्रीणि पत्राणि
पतन्ति
| (नपुं०)
तीन
पत्ते
गिरते
हैं।
खट्वायाः चत्वारः पादाः सन्ति |
(पुं॰)
खटिया के चार पैर हैं।
चतस्रः महिलाः भ्रमन्ति | (स्त्री०)
चार
महिलाएँ
घूमती
हैं।
अत्र चत्वारि पुष्पाणि सन्ति |
(नपुं०)।
यहाँ
चार
फूल
हैं।
पञ्च पाण्डवाः गच्छन्ति | (पुं॰)
पाँच
पाण्डव
जाते
हैं।
भ्रमरस्य षट् पादाः सन्ति ।
भौंरा
के
छः
पैर
हैं।
सप्त तारकाः गगने भान्ति।
सात
तारे
आकाश
में
चमकते
हैं।
अत्र अष्ट फलानि सन्ति |
यहाँ
आठ
फल
हैं।
तत्र नव पतंगा: सन्ति |
वहाँ
नौ
पतंग
हैं
।
दश मोटरयानानि गच्छन्ति ।
दस
मोटरगाड़ियाँ
जाती
हैं
।
एकादश फलानि
गुच्छे
सन्ति।
ग्यारह
फल
गुच्छा
में
हैं।
अत्र द्वादश
कन्दुकानि
सन्ति।
यहाँ
बारह
गेंदे
हैं।
तत्र त्रयोदश पुस्तकानि सन्ति।
वहाँ तेरह पुस्तकें रखी हैं।
चतुर्दश छात्राः
नृत्यन्ति।
चौदह
छात्राएँ
नाचती
हैं
।
जले पञ्चदश
मीनाः
तरन्ति।
जल
में
पन्द्रह
मछलियाँ
तैरती
हैं।
पुरा भारते षोडश जनपदाः आसन् |
प्राचीनकाल
में
भारत
में
सोलह
जनपद
थे।
इमानि सप्तदश चक्राणि चलन्ति।
ये
सत्रह
चक्के
चलते
हैं।
पुराणानि अष्टादश सन्ति।
पुराण
अठारह
हैं।
ऊनविंशतिः भ्रमराः भ्रमन्ति।
उन्नीस भौरें घूमते हैं।
विंशतिः चटकाः विहरन्ति।
बीस चिड़ियाँ सैर करती हैं।
पुल्लिंग नपुंसकलिंग स्त्रीलिंग
1 एकः
एकम् एका
2 द्वौ
द्वे द्वे
3 त्रयः
त्रीणि तिस्रः
4 चत्वारः
चत्वारि चतस्रः
5 से 20 तक संस्कृत में गिनती तीनों लिंगों में समान होती हैं।
5 पञ्च 6 षट्
7 सप्त
8 अष्ट 9 नव 10 दश
11 एकादश 12 द्वादश 13 त्रयोदश
14 चतुर्दश 15 पञ्चदश 16 षोडश
17 सप्तदश 18 अष्टादश
19 नवदश/एकोनविंशतिः 20 विंशतिः
{ अभ्यासः }
[ मौखिकः ]
1. उच्चारण करें :-
(क) एक: एका एकम्
द्वौ द्वे द्वे
त्रयः तिस्रः त्रीणि
चत्वारः चतस्रः चत्वारि
पञ्च षट् सप्त
अष्ट नव दश
एकादश द्वादश त्रयोदश
चतुर्दश पञ्चदश षोडश
सप्तदश अष्टादश नवदश (एकोनविंशतिः, ऊनविंशतिः)
विंशतिः
(ख) प्रथमा विभक्ति में-
बालकः बालकौ बालकाः
फलम् फले फलानि
पुष्पम् पुष्पे पुष्पाणि
चक्रम् चक्रे चक्राणि
बाला बाले बालाः
चटका चटके चटकाः
महिला महिले महिलाः
लिखितः
2. चित्र को देखकर संख्या लिखें :-
............... कन्दुकानि ।
.......... पुष्पे ।
........... बालकौ ।
............. बालिका ।
............... कदली-फलानि ।
उत्तर :-
चत्वारि कन्दुकानि ।
द्वे पुष्पे ।
द्वौ बालकौ ।
एका बालिका ।
पञ्च कदली-फलानि ।
3. नीचे लिखी संख्याओं के संस्कृतपद लिखें-
यथा :- ग्यारह – एकादश
सात – ................. पाँच – .................
तेरह – ................. उन्नीस –.................
आठ – ................. पन्द्रह - ................
अठारह – .................
उत्तर :-
सात – सप्त पाँच – पञ्च तेरह – त्रयोदश
उन्नीस – एकोनविंशति आठ – अष्ट
पन्द्रह - पञ्चदश अठारह – अष्टादश
Sanskrit class 6 bihar
board solution
4. निम्नांकित संख्याओं को बढ़ते क्रम में पुनः लिखें :–
पञ्च अष्टादश द्वादश नव
त्रयोदश सप्त एकादश अष्ट
उत्तर-
पञ्च, सप्त, अष्ट, नव, एकादश, द्वादश, त्रयोदश, अष्टादश
5. वर्णों को जोड़कर शब्द लिखें :-
यथा - क्
+ ऋ
+ ष्
+ ण्
+ अः
= कृष्णः
(क) ब्
+ आ
+ ल्
+ अ
+ क्
+ अ:
= .............
(ख) प्
+ अ
+ त्
+ अ
+ न्
+ त्
+ इ
= ...............
(ग) न्
+ ऋ
+ त्
+ य्
+ अ
+ म्
= ..............
(घ) व्
+ अ
+ र्
+ ष्
+ आ
= ...............
उत्तर
:-
(क) ब् +
आ +
ल् +
अ +
क् +
अ:
= बालकः
(ख) प् +
अ +
त् +
अ +
न् +
त् +
इ
= पतन्ति
(ग) न् +
ऋ +
त् +
य् +
अ +
म्
= नृत्यम्
(घ) व् +
अ +
र् +
ष् +
आ
= वर्षा
Sanskrit class 6 bihar
board solution
6. उचित संख्यावाचक शब्दों से रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :-
(क) मम …………. कर्णौ स्तः ।
(ख) गजस्य …………… पादाः भवन्ति ।
(ग) मम …………… नासिका अस्ति ।
(घ) द्विचक्रिकायां ………….. चक्रे भवतः।
(ङ) दशरथस्य …………… पुत्राः आसन् ।
उत्तर- द्वौ | चत्वारः | एका | द्वे | चत्वारः
7. रेखा खींचकर मिलान करें :-
(i) षट्
(क) देवाः
(ii) पञ्च
(ख) हस्तौ
(iii) द्वौ
(ग)
मुखम्
(iv) एकम्
(घ)
वेदाः
(v) त्रयः
(ङ)
ऋतवः
(vi) चत्वारः
(च)
पाण्डवाः
उत्तर
:-
(i) षट्
– (ङ) ऋतवः
(ii) पञ्च
– (च)
पाण्डवाः
(iii) द्वौ
– (ख)
हस्तौ
(iv) एकम्
–
(ग)
मुखम्
(v) त्रयः –
(क) देवाः
(vi) चत्वारः
– (घ) वेदाः
Extra Information :-
वेद चार होते हैं
- ऋग्वेद,
यजुर्वेद,
सामवेद
और
अथर्ववेद
ऋतु 6 होते हैं – वसन्त,
ग्रीष्म,
वर्षा,
पतझड़,
हेमन्त,
शरद्
Spring – वसन्त Summer – ग्रीष्म
Rainy
– वर्षा Autumn – शरद्
Pre
Winter – हेमन्त Winter – शिशिर
पाण्डव पाँच भाई थे - युधिष्ठिर, भीमसेन, अर्जुन,
नकुल
तथा
सहदेव
तीन देव
- ब्रह्मा,
विष्णु
और
शिव
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Bihar Board Class 6 Sanskrit Chapter 4 क्रियापदपरिचयः
क्रियापदपरिचयः
लट्
लकार (वर्तमान काल)
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम
पुरूष |
ति |
त: |
अन्ति |
मध्यम
पुरूष |
सि |
थ: |
थ |
उत्तम
पुरूष |
आमि |
आव: |
आम: |
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम
पुरूष |
सः (सा) |
तौ (ते) |
ते (ताः) |
मध्यम
पुरूष |
त्वम् |
युवाम् |
यूयम् |
उत्तम
पुरूष |
अहम् |
आवाम् |
वयम् |
bihar board solution
class 6 sanskrit
1. पठ्
धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम पुरूष |
पठति |
पठत: |
पठन्ति |
मध्यम पुरूष |
पठसि |
पठथ: |
पठथ |
उत्तम पुरूष |
पठामि |
पठाव: |
पठाम: |
2. गम् /
गच्छ धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम पुरूष |
गच्छति |
गच्छत: |
गच्छन्ति |
मध्यम पुरूष |
गच्छसि |
गच्छथ: |
गच्छथ |
उत्तम पुरूष |
गच्छामि |
गच्छाव: |
गच्छाम: |
bihar board solution
class 6 sanskrit
3. लिख्
धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम
पुरूष |
लिखति |
लिखत: |
लिखन्ति |
मध्यम
पुरूष |
लिखसि |
लिखथ: |
लिखथ |
उत्तम
पुरूष |
लिखामि |
लिखाव: |
लिखाम: |
पठ् धातु लट् लकार (वर्तमान
काल)
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम
पुरूष |
सःपठति वह पढ़ता है |
तौ पठत: वे दोनों पढ़ते
हैं |
ते पठन्ति वे सब पढ़ते हैं
|
मध्यम
पुरूष |
त्वम् पठसि तुम पढ़ते हो |
युवाम् पठथ: तुमदोनों पढ़ते
हो |
यूयम् पठथ तुमसब पढ़ते हो |
उत्तम
पुरूष |
अहम् पठामि मैं पढ़ता हूँ |
आवाम् पठाव: हमदोनों पढ़ते
हैं |
वयम् पठाम: हमसब पढ़ते हैं |
बालकः धावति।
लड़का दौड़ता है।
बालकौ धावतः ।
दो लड़के दौड़ते हैं।
बालकाः धावन्ति ।
अनेक लड़के दौड़ते हैं।
त्वम् हससि ।
तुम हँसती हो।
युवाम् हसथः |
तुम दोनो हँसती हो।
यूयम् हसथ ।
तुम सब हँसती हो।
अहम् पठामि ।
मैं पढ़ता हूँ।
आवाम् पठावः ।
हम दोनों पढ़ते हैं।
वयम् पठामः।
हमसब पढ़ते हैं।
बालिका लिखति ।
लड़की लिखती है।
बालिके धावतः।
दो लड़कियाँ दौड़ती हैं।
बालिकाः पठन्ति ।
अनेक लड़कियाँ पढ़ती हैं।
पुष्पम् अस्ति ।
एक फूल है ।
पुष्पे स्तः।
दो फूल हैं।
पुष्पाणि सन्ति |
अनेक फूल हैं।
मोहनः विद्यालयम् गच्छति ।
मोहन विद्यालय जाता है।
बालिके अत्र आगच्छतः ।
दो लड़कियाँ यहाँ आती हैं |
वयम् जलम् पिबामः ।
हमसब जल पीते हैं।
घोटक: धावति ।
घोड़ा दौड़ता है।
घोटकौ धावतः ।
दो घोड़े दौड़ते हैं।
घोटकाः धावन्ति ।
अनेक घोड़े दौड़ते हैं।
गजः गच्छति ।
हाथी जाता है।
गजौ गच्छतः।
दो हाथी जाते हैं।
गजाः गच्छन्ति।
अनेक हाथी जाते हैं।
एतत् किम् अस्ति ?
यह क्या है ?
एतत् फलम् अस्ति।
यह फल है।
एते के स्तः ?
ये दोनों क्या हैं ?
एते फले स्तः।
ये दोनों फल हैं।
एतानि कानि सन्ति ?
ये सब क्या हैं ?
एतानि फलानि सन्ति।
ये सब फल हैं।
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अभ्यास:
मौखिकः
1.
उच्चारण करें :-
(क)
गच्छति |
गच्छतः |
गच्छन्ति |
पठति |
पठतः |
पठन्ति |
लिखति |
लिखतः |
लिखन्ति |
चलति |
चलतः |
चलन्ति |
नृत्यति |
नृत्यतः |
नृत्यन्ति |
(ख)
अश्वः |
अश्वौ |
अश्वाः |
मयूरः |
मयूरौ |
मयूराः |
शिक्षकः |
शिक्षकौ |
शिक्षकाः |
पाठकः |
पाठकौ |
पाठकाः |
नर्तकः |
नर्तकौ |
नर्तकाः |
लिखितः
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :-
(i)
पठसि |
पठथः |
पठथ |
(क) ............ |
लिखथः |
.............. |
(ख) गच्छसि |
.............. |
.............. |
(ग) ............ |
हसथ: |
.............. |
(घ) क्रीडसि |
.............. |
.............. |
उत्तर :-
पठसि |
पठथः |
पठथ |
(क) लिखसि |
लिखथः |
लिखथ |
(ख) गच्छसि |
गच्छथ: |
गच्छथ |
(ग) हससि |
हसथ: |
हसथ |
(घ) क्रीडसि |
क्रीडथ: |
क्रीडथ |
(ii)
खादामि |
खादाव: |
खादामः |
(क) चलामि |
................. |
................. |
(ख) वदामि |
.................. |
.................. |
(ग) ............... |
.................. |
पिबामः |
(घ) .............. |
हसाव: |
.................. |
उत्तर-
खादामि |
खादाव: |
खादामः |
(क) चलामि |
चलाव: |
चलाम: |
(ख) वदामि |
वदावः |
वदामः |
(ग) पिबामि |
पिबावः |
पिबामः |
(घ) हसामि |
हसाव: |
हसामः |
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3. सही मिलान करें :-
(i) अहम् (क) खादथ
(ii) बालक: (ख) खेलामः
(iii) यूयम् (ग) पिबन्ति
(iv) बालिकाः (घ) कूर्दन्ति
(v) वयम् (ड.) खादसि
(vi) त्वम् (च) लिखामि
(vii) गजाः (छ) गच्छति
उत्तर-
(i) अहम् – (च) लिखामि
(ii) बालक: – (छ) गच्छति
(iii) यूयम् – (क) खादथ
(iv) बालिकाः – (घ) कूर्दन्ति
(v) वयम् – (ख) खेलामः
(vi) त्वम् – (ड.) खादसि
(vii) गजाः – (ग) पिबन्ति
4. इन क्रियापदों से वाक्य बनाएँ :-
पठामि लिखसि
गच्छन्ति
हसामः आगच्छथ खादाव:
उत्तर-
अहम् पुस्तकं पठामि । त्वम् पत्रं लिखसि । बालकाः गृहम् गच्छन्ति |
वयम् हसामः । यूयम् गृहात् आगच्छथ । आवाम् खादावः |
5. उचित शब्द से खाली जगहों को भरें :-
त्वम्, अहम्, बालिका, वयम्, यूयम्
(क) ………………. क्रीडति । बालिका क्रीडति।
(ख) …………………पठामः। वयम् पठामः।
(ग) ………………..पिबसि। त्वम्
पिबसि।
(घ) …………………वदामि। अहम् वदामि।
(ङ) …………………गच्छथ । यूयम्
गच्छथ |
Amrita Sanskrit book
class 6
6. रिक्त स्थानों में ‘अस्ति, स्तः, सन्ति’ में से उचित क्रियापद भरें :-
यथा - एकम् पुस्तकम्
अस्ति ।
(क)
द्वे पुस्तके ................ ।
द्वे पुस्तके स्तः |
(ख)
त्रीणि पुस्तकानि .............. ।
त्रीणि पुस्तकानि सन्ति |
(ग) एका
बालिका ……..... ।
एका बालिका अस्ति।
(घ) द्वे
बालिके ……..... ।
द्वे बालिके स्तः ।
(ड.) तिस्रः बालिकाः …....… ।
तिम्र: बालिका: सन्ति।
(च) पञ्च फलानि ……....... ।
पञ्च फलानि सन्ति।
(छ) द्वौ हस्तौ ……….…. ।
द्वौ हस्तौ स्तः ।
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7. वर्णों
को संयोजित करके शब्द लिखें :-
(i) म् + अ + न् + ओ
+ ह् + अ + र् + अः = मनोहर:
(क) स् + अ + ञ् + ज्
+ अ + य् + अः = ( )
(ख) म् + अ + न् + त्
+ र् + ई = (
)
(ग) क् + आ + र् + य्
+ अ + क् + र् + अ + म् + अ: = ( )
(घ) द् + ए + व् + ए +
न् + द् + र् + अ: = (
)
उत्तर :-
(क) स्
+ अ + ञ् + ज् + अ + य् + अः = संजयः
(ख) म्
+ अ + न् + त् + र् + ई = मन्त्री
(ग) क्
+ आ + र् + य् + अ + क् + र् + अ + म् + अ: = कार्यक्रमः
(घ) द्
+ ए + व् + ए + न् + द् + र् + अ: = देवेन्द्रः
(ii) अपने पाँच मित्रों के नाम के वर्णों को अलग-अलग करें |
उत्तर-
रामः = र् + आ + म् + अः
मदनः = म् + अ + द् + अ + न् + अः
सोहनः = स् + ओ + ह् + अ + न् + अः
महेशः = म् + अ + ह् + ए + श् + अः
सुरेशः = स् + उ + र् + ए + श् + अः
8. निम्नलिखित वाक्यों को बहुवचन में बदलें :-
उदाहरण सः पठति । ते पठन्ति ।
(क) बालकः धावति
। .................................. |
(ख) पुष्पम् पतति
। .................................. |
(ग) बालिका वदति
। .................................. |
(घ) मृगः चरति । .................................. |
(ड.) खगः उत्पतति
। .................................. |
उत्तर-
(क) बालकः धावति
। बालकाः धावन्ति |
(ख) पुष्पम् पतति
। पुष्पाणि पतन्ति |
(ग) बालिका वदति
। बालिकाः वदन्ति |
(घ) मृगः चरति । मृगाः चरन्ति |
(ड.) खगः उत्पतति
। खगाः उत्पतन्ति |
Bihar Board Class 6 Sanskrit Chapter 5 मम परिवार:
मम परिवार:
इदं मम
गृहम् अस्ति । अत्र मम परिवारः निवसति । मम परिवारे अनेके जनाः सन्ति । मम पितामहः वृद्धः अस्ति । स
द्वारे एव खट्वायां तिष्ठति। मम पिता माता च गृहमध्ये वसतः ।
यह मेरा घर है ।
यहाँ मेरा परिवार रहता है । मेरे परिवार में अनेक लोग हैं । मेरे दादा जी बूढा
हैं। वे दरवाजे पर ही खटिया पर रहते हैं । मेरे पिता और माता घर के अन्दर रहते हैं
।
पिता
बहिः कार्यं करोति । माता गृहकार्येषु लग्ना भवति ।
मम एका स्वसा अपि अस्ति । सा विद्यालये पठति। यदा-कदा गृहकार्यम् अपि करोति ।
अहमपि गृहस्य कार्येषु सहायतां करोमि । विद्यालयं च पठनाय गच्छामि । मम कोऽपि
भ्राता नास्ति |
पिता जी बाहर काम
करते हैं । माता जी घर के कामों में लगी रहती हैं । मुझको एक बहन भी है। वह
विद्यालय में पढ़ती है । कभी-कभी घर के काम भी करती है । मैं भी घर के कामों में
सहायता करता हूँ और स्कूल पढ़ने के लिए जाता हूँ । मुझे कोई भी भाई नहीं है ।
परिवारे
पितृव्यः अपि अस्ति । पितृव्यस्य एका पुत्री अस्ति । सा प्राङ्गणे क्रीडति । सा
परिवारस्य प्रिया कन्या अस्ति । मम पिता पितृव्यस्य ज्येष्ठः भ्राता अस्ति ।
परिवार में चाचा
भी हैं । चाचा की एक बेटी है । वह आँगन में खेलती है । वह परिवार की प्रिय लड़की है
। मेरे पिता चाचा के बड़े भाई हैं ।
तौ
पितामहस्य सेवां कुरुतः । यदा-कदा मम मातुलः अपि आगच्छति । सः कथाः कथयति, अस्माकं
मनोरञ्जनं च करोति । वयं सर्वे परिवारे सुखेन निवसामः ।
वे दोनों दादा जी की सेवा करते हैं । कभी-कभी मेरे मामा भी आते हैं । वे कहानियाँ कहते हैं और हमलोगों का मनोरंजन करते हैं । हम सभी परिवार में सुख से रहते हैं ।
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अभ्यासः
मौखिकः
1. इन शब्दों का अर्थ बताएँ :-
(क) मातुल: (ख) पितृव्यः (ग) मातामहः
(घ) अनुजः (ङ) स्वसा
उत्तर :-
(क) मातुल: - मामा (ख) पितृव्यः - चाचा (ग) मातामहः – नाना
(घ) अनुजः - छोटा भाई (ङ) स्वसा - बहन
2. इनके लिए संस्कृत
शब्द बताएँ :-
(क) पिता का भाई (ख) माता का भाई
(ग) दादा (घ) बड़ा भाई (ङ) छोटा भाई
उत्तर-
(क) पिता का भाई – पितृव्यः (ख) माता का भाई – मातुलः
(ग) दादा - पितामहः (घ) बड़ा भाई - ज्येष्ठः भ्राता (अग्रजः)
(ङ) छोटा भाई - कनिष्ठः भ्राता (अनुजः)
3. सही संस्कृत बताएँ :-
(क) परिवार में (ख) दादा का (ग) आँगन में
(घ) खेलती है (ङ) कहता है
उत्तर –
(क) परिवार में –
परिवारे (ख) दादा का – पितामहस्य
(ग) आँगन में – प्रांगणे (घ) खेलती है – क्रीडति (ङ) कहता है – कथयति
4. इसे पढ़ें :-
पिता
माता पितृव्यश्च स्वसा भ्राता पितामहः ।
पितामही
मातुलश्च परिवारे वसन्ति ते ॥
पिता, माता और
चाचा, बहन, भाई, दादा दादी तथा मामा वे सब परिवार में रहते हैं।
5. ‘कार्येषु’ के आधार पर इन शब्दों के सप्तमी बहुवचन
में रूप बताएँ –
गृह, चक्र, परिवार, प्राङ्गण,
सुख ।
गृहेषु, चक्रेषु, परिवारेषु, प्राङ्गणेषु,
सुखेषु।
लिखितः
6. रिक्त स्थानों को कोष्ठ में दिये शब्दों से भरें :-
(माता , खट्वायाम्
, कुरुतः
लग्ना , कोऽपि)
(क) द्वारे
सः ……………… तिष्ठति
।
(ख) ………………. गृहकार्येषु ………….. भवति ।
(ग) मम ……………… भ्राता
नास्ति ।
(घ) तौ
पितामहस्य सेवां ……....….. ।
उत्तर-
द्वारे सः खट्वायाम् तिष्ठति।
माता गृहकार्येषु लग्ना भवति।
मम कोऽपि भ्राता नास्ति।
तौ पितामहस्य सेवां कुरुतः।
7. इन शब्दों को
सुमेलित करें :-
(i) पितृव्यः (क) बड़ा भाई
(ii) मातामही (ख) माता का भाई
(iii) मातुलः (ग) पिता का भाई
(iv) अनुजः (घ) नानी
(v) अग्रजः (ङ) छोटा भाई
उत्तर:-
पितृव्यः – (ग) पिता का भाई
मातामही – (घ) नानी
मातुल: – (ख) माता का भाई
अनुजः – (ङ) छोटा भाई
अग्रजः – (क) बड़ा भाई
8. इन शब्दों के
द्विवचन और बहुवचन लिखें :-
(क) पितृव्यः ................. .................
(ख) अनुजः ................. .................
(ग) अग्रजः ................. .................
(घ) मातामहः ................. .................
(ड.) परिवारः
.................
.................
उत्तर:-
(क) पितृव्यः पितृव्यौ पितृव्याः
(ख) अनुजः अनुजौ अनुजाः
(ग) अग्रजः अग्रजौ अग्रजाः
(घ) मातामहः मातामहौ मातामहाः
(ड.) परिवारः परिवारौ परिवाराः
9. अपने परिवार के विषय में दो वाक्य संस्कृत में लिखें ।
उत्तर :- मम
परिवार: पाटलिपुत्रे वसति । मम परिवारे पिता-माता भ्राता श्वसा पितामहः च वसन्ति।
10. इन
शब्दों का वाक्य में प्रयोग करें :-
(क) गृहे ..................
(ख) खट्वायाम् ..................
(ग) करोति ..................
(घ) अपि ..................
(ङ) क्रीडति ..................
उत्तर :-
(क) गृहे – मम गृहे अनेके जनाः सन्ति |
(ख) खट्वायाम् – मम पितामहः खट्वायाम् तिष्ठति ।
(ग) करोति - सः गृहकार्यम् करोति |
(घ) अपि - सः अपि पठति ।
(ङ) क्रीडति - मोहनः कन्दुकम् क्रीडति ।
11. इन
शब्दों का एकवचन में रूप लिखें :-
(क) गृहकार्येषु .................
(ख) सन्ति .................
(ग) द्वारेषु .................
(घ) परिवाराः .................
(ङ) धावन्ति .................
उत्तर :-
(क) गृहकार्येषु गृहकार्ये
(ख) सन्ति अस्ति
(ग) द्वारेषु द्वारे
(घ) परिवाराः परिवारः
(ङ) धावन्ति धावति
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सुभाषितानि
1. परोपकाराय
सतां विभूतयः |
सज्जनों की सम्पत्ति दूसरों के उपकार के लिए होती है।
2.
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ।
ऊँचे विचार वालों
के लिए सारा संसार ही परिवार है।
3.
सुखार्थिनः कुतो विद्या विद्यार्थिनः कुतः सुखम् ।
सुख चाहने वालों
को विद्या कहाँ और विद्या चाहने वालों को सुख कहाँ।
4.
सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियम् ।
सत्य बोलना चाहिए,
प्रिय बोलना चाहिए, अप्रिय सत्य नहीं बोलना चाहिए।
5. सम्पत्तौ
च विपत्तौ च महतामेकरूपता ।
सुख-दु:ख दोनों
में महान व्यक्ति एक समान रहते हैं।
6. स्वदेशे
पूज्यते राजा विद्वान् सर्वत्र पूज्यते ।
राजा को अपने देश में सम्मान मिलता है, जबकि विद्वान् सभी जगह पूजे जाते हैं।
7. सर्वे
भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सभी सुखी हों, सभी नीरोग हों।
8.
न लोभेन समं दुःखं न सन्तोषात् परं सुखम् ।
लोभ के समान कोई
दु:ख नहीं और संतोष के बराबर कोई सुख नहीं।
9. आत्मनः
प्रतिकूलानि न परेषां समाचरेत्।
अपने से विपरीत
दूसरों के लिए आचरण नहीं करना चाहिए।
10. बुभुक्षितः
किं न करोति पापम् ।।
भूखा व्यक्ति
कौन-सा पाप नहीं करता है।
11.
विद्या ददाति विनयम् ।
विद्या विनम्रता
देती है।
12.
ज्ञानं भारः क्रियां विना ।
क्रिया के बिना
ज्ञान भार है।
अभ्यासः
मौखिकः
1. नीचे
लिखे गए भावार्थ को बताने वाले सुभाषित बोलें :-
(क) भूखा व्यक्ति क्या नहीं कर सकता ?
(ख) राजा को अपने देश में सम्मान मिलता है, जबकि विद्वान् सभी जगह पूजे जाते हैं।
(ग) उदार विचार वालों के लिए संसार ही कुटुम्ब है ।
(घ) अपने से विपरीत आचरण दूसरों के लिए न करें ।
(ङ) आचरण के बिना ज्ञान व्यर्थ है।
(च) महान् व्यक्ति सदा एक-सा रहता है।
(छ) सज्जनों की सम्पत्ति दूसरों के उपकार के लिए होती है।
उत्तर-
भूखा
व्यक्ति क्या नहीं कर सकता ?
बुभुक्षितः किं न
करोति पापम्।
राजा
को अपने देश में सम्मान मिलता है, जबकि विद्वान् सभी जगह पूजे जाते
हैं।
स्वदेशे पूज्यते
राजा विद्वान सर्वत्र पूज्यते।
उदार
विचार वालों के लिए संसार ही कुटुम्ब है ।
उदारचरितानां तु
वसुधैव कुटुम्बकम्।
अपने
से विपरीत आचरण दूसरों के लिए न करें ।
आत्मनः प्रतिकूलानि
न परेषां समाचरेत्।
आचरण
के बिना ज्ञान व्यर्थ है।
ज्ञानं भारः
क्रियां विना।
महान्
व्यक्ति सदा एक-सा रहता है।
सम्पत्तौ च
विपत्तौ च महतामेकरूपता।
सज्जनों
की सम्पत्ति दूसरों के उपकार के लिए होती है।
परोपकाराय सतां
विभूतयः |
2. निम्नलिखित
शब्दों का अर्थ बताएँ –
परोपकाराय, कुटुम्बकम्, सुखार्थिनः, निरामयाः, स्वदेशे
उत्तर-
परोपकाराय - दूसरों की उपकार के लिए कुटम्बकम् – परिवार
सुखार्थिन: – सुख चाहने वाले को
निरामयाः – नीरोग स्वदेशे – अपना देश में
3. लिखे
गए सुभाषितों का पाठ करें ।
उत्तर- छात्र स्वयं पाठ करें।
लिखितः
4. दिए गए प्रश्नों का उत्तर लिखें :-
(क) किसके लिए सम्पूर्ण पृथ्वी परिवार के समान है ?
ऊँचे विचार वालों के लिए सम्पूर्ण पृथ्वी परिवार के समान है।
(ख) विद्या किसे प्राप्त नहीं होती ?
सुख चाहने वालों को विद्या प्राप्त नहीं होती |
(ग) किस प्रकार की वाणी बोलनी चाहिए ?
सत्य एवं प्रिय
वाणी बोलनी चाहिए।
(घ) कौन सभी जगह पूजा जाता है ?
विद्वान सभी जगह पूजा जाता है ।
(ड.) विद्या से क्या प्राप्त होती है ?
विद्या से विनम्रता प्राप्त होती है।
5. विलोम
(विपरीतार्थक) शब्द लिखें :-
(i) सत्यम् (v) ज्ञानम्
(ii) प्रियम् (vi) पापम्
(iii) सुखम् (vii) आत्मनः
(iv) विद्वान्
उत्तर-
(i) सत्यम् असत्यम्
(ii) प्रियम् अप्रियम्
(iii) सुखम् दु:खम्
(iv) विद्वान् मूर्खः
(v) ज्ञानम् अज्ञानम्
(vi) पापम् पुण्यम्
(vii) आत्मनः परात्मनः
6. रिक्त
स्थानों को भरें :-
(क) …………………….. सतां विभूतयः ।
(ख) विद्वान् ………...……. पूज्यते ।
(ग) सर्वे सन्तु …………………….. ।
(घ) ……………….. परं सुखम् ।
(ङ) विद्या ……………….. विनयम् ।
उत्तर :-
परोपकाराय सतां विभूतयः ।
विद्वान् सर्वत्र पूज्यते ।
सर्वे सन्तु निरामयाः ।
न संतोषात् परं सुखम् ।
विद्या ददाति विनयम् ।
7. निम्नलिखित शब्दों को सुमेलित करें :-
(i) ज्ञानं भारः (क) वसुधैव कुटुम्बकम्
(ii) उदारचरितानां तु (ख) क्रियां विना
(iii) स्वदेशे
पूज्यते (ग) कुतो विद्या
(iv) बुभुक्षितः किं न (घ) राजा
(v) सुखार्थिनः (ड.) करोति पापम्
उत्तर-
(i) ज्ञानं भारः – (ख) क्रियां विना
(ii) उदारचरितानां तु – (क) वसुधैव कुटुम्बकम्
(iii) स्वदेशे पूज्यते – (घ) राजा
(iv) बुभुक्षितः किं न – (ड.) करोति पापम्
(v) सुखार्थिनः –
(ग) कुतो विद्या
8. निम्नांकित शब्दों से वाक्य बनाएँ :-
राजा, विद्वान्, स्वदेशे, सुखिनः, विद्या ।
उत्तर:-
राजा
– राजा स्वदेशे पूज्यते ।
विद्वान् – विद्वान् सर्वत्र पूज्यते ।
स्वदेशे – स्वदेशे पूज्यते राजा ।
सुखिनः – सर्वे भवन्तु सुखिनः ।
विद्या – विद्या ददाति विनयम् ।
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शश-सिंह
कथा
एकस्मिन्
वने एक: भयंकरः सिंहः वसति स्म । स वने इच्छानुसारेण पशून् भोजनाय मारयति स्म। अतः
सर्वे पशवः भीताः अभवन् । ते मिलित्वा विचारम् अकुर्वन् –
एक वन में एक भयंकर शेर रहता था। वह जंगल में इच्छा अनुसार
पशुओं को भोजन के लिए मारता था। अत: सभी पशु भयभीत हो गये । उन सबों ने मिलकर
विचार किया -
प्रतिदिनम्
एकैकः पशुः सिंहस्य भोजनाय स्वयं गच्छतु । स्वविचारं ते सिंहस्य समीपं अस्थापयन् ।
तदा सिंहः “आम्” इति
अवदत् ।
प्रतिदिन एक-एक
पशु शेर के भोजन के लिए स्वयं जाय। अपना विचार वे सभी सिंह के समीप रखें। तब शेर
ने “हाँ” कह दिया।
एवम्
एकैकः पशुः सिंहस्य भोजनकाले प्रतिदिनम् अगच्छत् । वने पशव: निश्चिन्ताः अभवन् ।
किन्तु एव पशूनी संख्या क्रमशः क्षीणा अभवत् ।
इस प्रकार एक-एक
पशु शेर के भोजन के समय प्रतिदिन जाते थे। वन में सभी पशु निश्चिंत हो गये। लेकिन
इससे पशुओं की संख्या दिन-प्रतिदिन घटती गई।
एकस्मिन्
दिवसे एकस्य शशस्य वारः आसीत् । सः विलम्बेन सिंहसमीपम् अगच्छत् । तस्य अल्पशरीरेण, विलम्बेन
आगमने च सिंहः कुपितः अभवत् । सः अवदत् - रे दुष्ट ! कथं त्वम् एकाकी विलम्बेन च
आगतः ? बुद्धिमान् शशः अवदत् - राजन् !
कोपं न कुरू । एक: अन्यः सिंहः मार्गे मिलितः। स गुहायां तिष्ठति ।
एक दिन एक खरगोश की बारी थी। वह देर से शेर के पास गया। उसके छोटे शरीर और देर से आने पर शेर गुस्सा हो गया। वह बोला - रे दुष्ट ! तुम क्यों अकेले और देर से आया है ? बुद्धिमान खरगोश ने कहा - हे राजन ! गुस्सा न करें। एक अन्य शेर रास्ते में मिला। वह गुफा में रहता है।
सिंहः
अवदत् - कुत्र सः ? नय
मां तत्र । हनिष्यामि तं दुष्टम् । शशः सिंहं कूपसमीपम् अनयत् । तत्र कूपे
स्वच्छायाम् सिंहः अपश्यत् । अन्यं सिंहं मत्वा कोपेन सः कूपे अकूर्दत् । तत्र स
कालेन मृतः एवं शशस्य बुद्धिः सर्वान् पशून् अरक्षत् । अतः कथयन्ति - बुद्धिर्यस्य
बलं तस्य ।
शेर बोला - कहाँ है वह ? मझे वहाँ ले चलो। मैं उस दुष्ट को मार दूँगा । खरगोश शेर को
कुआँ के पास ले गया। वहाँ कुएँ में शेर ने अपनी परछाई देखा। दूसरा शेर समझकर
गुस्सा से वह कुआँ में कूद गया। उसी समय वह मर गया। इस प्रकार खरगोश की बुद्धि ने
सभी पशुओं की रक्षा की । इसलिए कहा गया है - जिसके पास बुद्धि है, उसी के पास बल
है।
अभ्यासः
मौखिकः
1. निम्न शब्दों का अर्थ बताएँ :–
भयंकरः, भोजनाय, पशवः, भीताः, तदा,
विलम्बेन, आगतः, सर्वान्, अरक्षत्, बलम्
उत्तर-
भयंकरः – भयानक भोजनाय – भोजन के लिए
पशवः – पशु (बहुवचन) भीताः – डरा हुआ
तदा – तब विलम्बेन – देर से
आगतः – आया सर्वान् – सबको
अरक्षत् – रक्षा किया बलम्
– बल
2. ‘इच्छानुसारेण’ के समान इन शब्दों को जोड़कर बताएँ :–
नियम +
अनुसारेण, कर्म + अनुसारेण, विद्या + अनुसारेण
समय +
अनुसारेण, धर्म + अनुसारेण
उत्तर-
नियम + अनुसारेण = नियमानुसारेण
कर्म + अनुसारेण = कर्मानुसारेण
विद्या + अनुसारेण = विद्यानुसारेण
समय + अनुसारेण = समयानुसारेण
धर्म +
अनुसारेण = धर्मानुसारेण
3. इन शब्दों का पंचमी एकवचन में रूप
बताएँ :–
सिंह, शश, शरीर, कूप, बल
उत्तर-
सिंह - सिंहात् शश - शशात्
शरीर - शरीरात् कूप - कूपात्
बल - बलात्
4. ‘तत्र’ शब्द
से युक्त पाँच वाक्य बोलें ।
उत्तर-
तत्र विद्यालयः अस्ति |
तत्र मम् गृहं अस्ति |
तत्र रमेशः अपि पठति |
तत्र एकं मन्दिरम् अस्ति
|
तत्र पुष्पाणि सन्ति ।
लिखितः
5. इन वाक्यों में रिक्त स्थानों को सही शब्दों से भरें :-
(क) एकस्मिन् ………… एक: भयंकरः सिंहः वसति स्म ।
(ख) सर्वे पशवः …………… अभवन् ।
(ग) तदा सिंहः ……………. इति अवदत् ।
(घ) सः विलम्बेन सिंहसमीपम् …….....…….. ।
(ङ) …….....……. बलं तस्य ।
उत्तर-
(क) एकस्मिन् वने एक: भयंकरः सिंहः वसति स्म ।
(ख) सर्वे पशवः भीताः अभवन् ।
(ग) तदा सिंहः आम् इति अवदत् ।
(घ) सः विलम्बेन सिंहसमीपम् अगच्छत् ।
(ङ) बुद्धिर्यस्य बलं तस्य ।
6. अधोलिखित वाक्यों को तीन बार लिखें :-
(क) जंगल में एक सिंह था
- वने एकः सिंहः आसीत् ।
(ख) वह इच्छानुसार भोजन
करता है - सः इच्छानुसारेण भोजनं करोति ।
(ग) गुस्सा मत करो - क्रोधं
मा कुरू ।
(घ) वह गुफा में रहता है
- स गुहायां तिष्ठति ।
(ङ) जिसके पास बुद्धि है उसी के पास बल है – बुद्धिर्यस्य बलं तस्य |
उत्तर-
(क) जंगल में एक सिंह था
- वने एकः सिंहः आसीत् ।
(ख) वह इच्छानुसार भोजन
करता है - सः इच्छानुसारेण भोजनं करोति ।
(ग) गुस्सा मत करो - क्रोधं
मा कुरू ।
(घ) वह गुफा में रहता है
- स गुहायां तिष्ठति ।
(ङ) जिसके पास बुद्धि है
उसी के पास बल है – बुद्धिर्यस्य बलं तस्य |
(क) जंगल में एक सिंह था
- वने एकः सिंहः आसीत् ।
(ख) वह इच्छानुसार भोजन
करता है - सः इच्छानुसारेण भोजनं करोति ।
(ग) गुस्सा मत करो - क्रोधं
मा कुरू ।
(घ) वह गुफा में रहता है
- स गुहायां तिष्ठति ।
(ङ) जिसके पास बुद्धि है
उसी के पास बल है – बुद्धिर्यस्य बलं तस्य |
(क) जंगल में एक सिंह था
- वने एकः सिंहः आसीत् ।
(ख) वह इच्छानुसार भोजन
करता है - सः इच्छानुसारेण भोजनं करोति ।
(ग) गुस्सा मत करो - क्रोधं
मा कुरू ।
(घ) वह गुफा में रहता है
- स गुहायां तिष्ठति ।
(ङ) जिसके पास बुद्धि है उसी के पास बल है – बुद्धिर्यस्य बलं तस्य |
7. इन शब्दों से वाक्य बनाएँ :–
भयंकरः, सिंहः, तदा, वने, बुद्धिमान् , कुत्र
उत्तर-
भयंकर – सिंहः भयंकरः भवति।
सिंह – वनस्य नृपः सिंहः भवति ।
तदा – तदा सः वनं अगच्छत् ।
वने – वने अनेके पशवः निवसन्ति ।
बुद्धिमान् – सः बुद्धिमान् मंत्री आसीत् ।
कुत्र – त्वम् कुत्र गच्छसि ?
8. इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती
है ? पाँच
वाक्यों में लिखें।
उत्तर-
इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि जिसके पास बुद्धि है उसी के पास बल है । जहाँ बल से काम नहीं हो, वहाँ बुद्धि का प्रयोम करना चाहिए। छोटे शरीर वाले भी यदि बुद्धिमान हों तो बलशाली पर विजय प्राप्त कर सकता है।
9. इस कहानी के आधार पर कोई कहानी
लिखें।
उत्तर - एक बार की बात है एक कौवा बड़ा ही प्यासा था, पानी की तालाश में वह कौवा इधर उधर भटक रहा था लेकिन उसे कही भी पानी का कोई
स्रोत नहीं दिखाई दिया। बहुत देर इधर उधर घूमने के बाद थक हारकर कौवा एक पेड़ की
डाल पर बैठा।
पेड़ से कुछ ही दूरी पर एक खेत था जहां पर एक
घड़ा रखा हुआ था, कौआ अंदर ही अंदर काफी खुश हो गया और जल्दी से
घड़े के पास जा पंहुचा। लेकिन जैसे ही कौवे ने घड़े में पानी पीनी के लिए अपना चोंच
डाला उसकी ख़ुशी झट से गम में बदल गयी, घड़े में पानी बहुत ही कम
था जिस वजह से कौए की चोंच पानी तक नहीं पहुंच पा रही थी। पानी को देखकर
कौए की प्यास और बढ़ती ही जा रही थी लेकिन वह करे तो क्या करे, इधर उधर देखने के बाद कौए को एक उपाय सुझा। उसने देखा की खेत के बगल में काफी
कंकर पत्थर पड़े है। फिर क्या था कौए ने एक एक करके पत्थर को घड़े में डालना शुरू कर
दिया, जैसे जैसे कंकर घड़े में भरता गया पानी ऊपर आता गया। जैसे ही
पानी कौए के चोंच की पहुंच तक आया उसने झट से पानी पिया और अपना प्यास बुझाया।
सीख: प्यासे कौए की इस कहानी से हमें यही सीख मिलती
है की कई बार हमें अपने समस्याओं का हल चतुराई से ढूँढना पड़ता है, भले ही हमें कोई सरल हल नहीं दिख रहा होता है लेकिन अगर हम अपनी चतुराई दिखाए
तो हमें अवश्य कोई हल मिल जाता है।
10. निम्नलिखित शब्दों का वर्णविच्छेद
करें :–
जैसे- वने – व् + अ + न् + ए
(क) वसति ..................................…….. ।
वसति = व् + अ + स् + अ + त् + इ
(ख) भीताः ..................................…….. ।
भीताः = भ् + ई + त् + आः
(ग) क्रमश:
..................................…….. |
क्रमश: = क् + र् + अ + म् + अ +श् + अः ।
(घ) एकस्मिन्
..................................…….. ।
एकस्मिन् = अ + इ + क् + अ + स् + म् + इ + न् ।
(ङ) राजन् ..................................…….. ।
राजन् = र् + आ + ज् + अ + न् ।
11. इनका सुमेल करें :–
(i) सिंहः (क) भीताः
(ii) शशः (ख) गर्जति
(iii) पशवः (ग) लघुः पशुः
(iv) विचारम् (घ) बलम्
(v) बुद्धिः (ङ) अकुर्वन्
उत्तर :-
(i) सिंहः – (ख) गर्जति
(ii) शशः – (ग) लघुः पशुः
(iii) पशवः – (क) भीताः
(iv) विचारम् – (ङ) अकुर्वन्
(v) बुद्धिः
(घ) बलम्
12. संस्कृत में अनुवाद करें :-
(क) वह हँसता
है | सः
हसति |
(ख) तुम दोनों
पढ़ते हो | यूवाम् पठथः |
(ग) मैं लिखती
हूँ | अहम् लिखामि
|
(घ) शाम्भवी
दौड़ती है | शाम्भवी धावति |
(ङ) महेश जाता
है | महेशः गच्छति |
लट्
लकार (वर्तमान काल)
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम
पुरूष |
ति |
त: |
अन्ति |
मध्यम
पुरूष |
सि |
थ: |
थ |
उत्तम
पुरूष |
आमि |
आव: |
आम: |
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम पुरूष |
सः (सा) |
तौ (ते) |
ते (ताः) |
मध्यम पुरूष |
त्वम् |
युवाम् |
यूयम् |
उत्तम पुरूष |
अहम् |
आवाम् |
वयम् |
1. पठ्
धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम
पुरूष |
पठति |
पठत: |
पठन्ति |
मध्यम
पुरूष |
पठसि |
पठथ: |
पठथ |
उत्तम
पुरूष |
पठामि |
पठाव: |
पठाम: |
We hope you understood Class
6 Sanskrit Chapter 7 Question Answer Bihar Board Amrita Book शश-सिंह कथा If you want to see the
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Bihar Board Class 6 Sanskrit Chapter 8 जलमेव जीवनम्
जलमेव जीवनम्
अस्माकं
जीवनस्य सुखाय प्रकृतिः नाना पदार्थान् धारयति। तेषु वनस्पतयः, पशु-पक्षिणः, मेघः, सूर्यः, भूमिः, पर्वतः, पवनः, जलम्
इत्येते सन्ति। सर्वेषु च जलस्य प्रधानता वर्तते। जलं विना मानवो न जीवति, वनस्पतयः
शुष्यन्ति, मेघाः न भवन्ति, अन्नं न जायते | भूमिः अपि शुष्यति।
अतो जलं सर्वस्य जीवनम् अस्ति।
हमारे जीवन के सुख के लिए प्रकृति अनेक प्रकार के वस्तुओं को धारण करती है | उनमें पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, बादल, सूर्य, भूमि, पर्वत, हवा, पानी आदि हैं | और सबों में जल की प्रधानता है। जल के बिना मनुष्य जीवित नहीं रह सकता है, पेड़-पौधे सूख जाते हैं, बादल नहीं होते हैं, अन्न नहीं उपजता है, धरती भी सूख जाती है। अतः जल सब का जीवन है।
भूमौ
जलस्य नाना स्थानानि सन्ति। क्वचित् नदी, क्वचित् सरोवरः, विशालः
सागरश्च अस्ति। सागरे तु जलं क्षारम् अस्ति। मेघः क्षारं जलं पीत्वा मधुरं जलं
ददाति। नद्यां सरोवरे च जलं मधुरं भवति। जनाः कूपान् खनित्वा जलं निष्कासन्ति।
क्वचित् कूपे मधुरं पेयं जलं भवति, क्वचित् क्षारम् अपेयं जलं भवति।
भूमि पर जल के
अनेक स्थान हैं। कहीं नदी, कहीं तालाब और विशाल समुद्र हैं। समुद में जल
खारा है। मेघ खारा जल पीकर मीठा जल देता है। नदी और तालाब में जल मीठा होता है | लोग कुओं को
खोदकर पानी निकालते हैं। कहीं कुएँ में मीठा जल पीने योग्य होता है, कहीं खारा जल पीने योग्य नहीं होता है।
अधुना
भूमिगतं जलमपि यन्त्रेण निष्कासन्ति | क्षेत्राणां सेचने सर्वस्य जलस्य प्रयोगः
भवति। सेचनात् क्षेत्रेषु अन्नं भवति। वनस्पतयः वर्षाजलेन जीवन्ति। अतः सर्वेषां
जीवानां वनस्पतीनां भूमेश्च जीवनं जलमेव अस्ति।
आजकल भूमि के
अन्दर के जल को भी मशीन के द्वारा निकाला जाता है। खेतों को सींचने में सब प्रकार
के जल का प्रयोग होता है। सिंचाई से खेतों में अन्न होता है। पेड़-पौधों वर्ष के
जल से जीवित रहते हैं। इसलिए सभी जीवों का, पेड़-पौधों का और भूमि का
जीवन जल ही है।
अभ्यासः
मौखिकः
1. इन शब्दों का अर्थ बताएँ :–
अस्माकम्, धारयति, शुष्यन्ति, क्वचिद्
, क्षारम् , कूपान् , यन्त्रेण
, क्षेत्राणाम् , जीवम् , सर्वेषाम्
।
उत्तर-
अस्माकम् – हमारा/हमारी/हमारे | धारयति - धारण करता है ।
शुष्यन्ति
– सूख जाते हैं।
क्वचिद् - कहीं। क्षारम्
– खारा । कूपान् – कुओं को । यन्त्रेण –
मशीन के द्वारा ।
क्षेत्राणाम् – खेतों को । जीवम् – प्राणी ।
सर्वेषाम् - सबों का।
2. निम्नलिखित
शब्दों से वाक्य बनाएँ :–
सूर्यः
, पवनः , जलमेव , मधुरम्
, अस्ति |
उत्तर-
सूर्यः – सूर्यः प्रकाशं ददाति।
पवनः -पवनः मन्दं-मन्दं चलति।
जलमेव – जलमेव जीवस्य जीवनम् अस्ति ।
मधुरम् – सरोवरस्य जलं मधुरं भवति।
अस्ति – इदं गृहम् अस्ति।
लिखितः
3. मञ्जूषा से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों को
भरें :-
शुष्यति,
जलमेव, जीवन्ति, प्रधानता, सरोवरे
(क) ……………. जीवनम्।
(ख) सर्वेषु च जलस्य ……..……… वर्तते।
(ग) भूमिः अपि …….....….. ।
(घ) नद्यां …………….. च जलं मधुरं भवति।
(ङ) वनस्पतयः वर्षाजलेन …….....…..।
उत्तर –
जलमेव जीवनम्।
सर्वेषु च जलस्य प्रधानता वर्तते।।
भूमिः अपि शुष्यति ।
नंद्यां सरोवरे च जलं मधुरं भवति।
वनस्पतयः
वर्षाजलेन जीवन्ति ।
4. पाठ के आधार पर जल की महत्ता पर पाँच वाक्य
लिखें।
उत्तर - जल ही सभी जीवों
का जीवन है। जल के बिना मनुष्य, जीव-जन्तु, पेड़-पौधे आदि जीवित नहीं रह सकते हैं। जल के
कारण ही मेघ बरसता है। जल से सिंचाई का काम होता है। जल से ही अन्न की उपज होती
है।
5. पाठ के आधार पर
निम्नलिखित वाक्यों का संस्कृत ढूँढकर लिखें :-
(क) जल मीठा है। (अस्ति)
(ख) समुद्र का जल खारा होता है। (क्षारम्)
(ग) नदी का जल मीठा होता है। (मधुरं)
(घ) जल सब का जीवन है | (जीवनम्)
(ङ) खेतों में अन्न होता
है। (क्षेत्रेषु)
उत्तर-
जलं मधुरं अस्ति ।
सागरस्य जलं क्षारम् भवति ।
नद्यां जलं मधुरं भवति ।
जलं सर्वस्य जीवनम्
अस्ति।
क्षेत्रेषु अन्नं भवति।
6. सन्धि-विच्छेद/ पदविभाग करें :-
सागरश्च, जलमपि, कोऽपि, जलमेव, तथापि।
उत्तर-
सागरश्च = सागरः + च । जलमपि = जलम् + अपि । कोऽपि = कः + अपि ।
जलमेव = जलम् + एव । तथापि
– तथा + अपि ।
7. सही विकल्प चुनें :-
(क) खाना – भोजनम्, फलम, मिष्टान्नम् ।
(ख) जल – जलम्, जले, जलेन ।
(ग) खेतों में – क्षेत्राणि, क्षेत्रेषु, क्षेत्रम्।
(घ) सूर्य – सूर्यः, सूर्यम्, सूर्याय । ।
(ङ) सूखता है – शुष्यन्ति, शुष्यति, शुष्यतः ।
उत्तर-
(क) खाना – भोजनम्
(ख) जल – जलम्
(ग) खेतों में – क्षेत्रेषु
(घ)) सूर्य – सूर्यः
(ङ) सूखता है – शुष्यति
8. निम्नलिखित
शब्दों का वर्ण-विच्छेद करें :–
जैसे – जले = ज् + अ + ल् + ए ।
(क) मेघः = …………………………
(ख) पवनः = …………………………
(ग) जनाः = ……………………….
(घ) जीवनम् = ……………………….
उत्तर-
मेघः – म् + ए + घ् + अः
पवन: – प् + अ + व् + अ + न + अः
जनाः – ज् + अ + न् + आः
जीवनम् –
ज् + ई + व् + अ + न् + अ + म्
9. निम्नलिखित
वर्णों को मिलाएँ :–
जैसे - क् +
र = क्र , र् + क = र्क
(क) र् + प =
(ख) प् + र =
(ग) ल् + प =
(घ) प् + ल =
(ङ) ज् + य =
उत्तर-
(क) र् + प = र्प (ख) प् + र = प्र
(ग) ल् + प = ल्प (घ) प् + ल = प्ल
(ङ) ज् + य = ज्य
Extra Knowledge :-
सर्प, प्रधान, अल्प ,
प्लास्टिक, राज्य
खेलक्षेत्रम् (खेल का मैदान)
रमेशः – मित्र
रहीम ! इदानीं सन्ध्याकालः वर्तते। चल, खेलक्षेत्रे
गच्छाव ।
रमेश – मित्र रहीम ! इस समय शाम का समय है। चलो,
हमदोनों खेल के मैदान में चलें ।
रहीमः – खेलक्षेत्रम्
अस्माकं मनोरञ्जनस्य व्यायामस्य च स्थलं भवति। अवश्यं गमिष्यामि। (मार्गे शीला
मिलति)
रहीम – खेल का मैदान हमारा मनोरंजन और व्यायाम का जगह होता है। मैं जरूर जाऊँगा। (रास्ते में शीला मिलती है)
शीला
– युवां कुत्र गच्छथः ?
शीला – तुम दोनों कहाँ जा रहे हो ?
रहीमः – आवां
खेलक्षेत्रं गच्छावः। किं तवापि इच्छा खेलक्षेत्रस्य भ्रमणाय अस्ति ? यदि
वर्तते तदा त्वमपि चल। (सर्वे खेलक्षेत्रं प्रविशन्ति)
रहीम – हमदोनों खेल का मैदान जा रहे हैं। क्या तुम्हारी भी इच्छा खेल का मैदान घूमने के लिए हो रहा है ? यदि है तो तुम भी चलो । (सभी खेल के मैदान में प्रवेश करते हैं)
रमेशः
– अत्र अनेके बालकाः बालिकाश्च सन्ति । केचित् कन्दुकेन
खेलन्ति । अपरे कन्दुकक्रीडां पश्यन्ति।
रमेश – यहाँ अनेक लड़के और लड़कियाँ हैं। कुछ गेन्द से खेलते हैं। दूसरे गेन्द के खेल को देखते हैं।
शीला
– आम् आम् ! कन्दुकं लक्ष्यं प्रविशति तदा महान् कोलाहलो भवति
। पुनः केन्द्रस्थाने कन्दुकं नयन्ति बालकाः। तदा नवीना क्रीडा भवति।
शीला – हाँ, हाँ ! गेंद गोल में प्रवेश करता है तब बहुत
जोरों का शोरगुल होता है। फिर बीच में गेन्द को लड़के लाते हैं। तब नया खेल होता
है।
सीमा
– शीले ! त्वमत्र कन्दुकक्रीडां
पश्यसि । चल, तत्र बालिका: बैडमिन्टनखेलं
खेलन्ति । अन्याः तं खेलं पश्यन्ति।
सीमा – हे शीला ! तुम यहाँ गेंद का खेल देखती हो। चलो, वहाँ लड़कियाँ बैडमिन्टन का खेल खेल रही हैं। अन्य उस खेल को देख रही हैं।
शीला
– चल, आवां खेलदर्शनाय तत्र गच्छाव ।
इदं खेलक्षेत्रं विशालम् । अनेकाः क्रीडाः अत्र भवन्ति। खेलक्षेत्रस्य दर्शनेन
महान् उत्साहः आनन्दश्च भवतः
। अत: वयं खेलक्षेत्रं सन्ध्याकाले प्रतिदिनं गच्छामः। (खेलक्षेत्रस्य दर्शनात्
परं सर्वे स्वं स्वं गृहं गच्छन्ति।)
शीला – चलो, हमदोनों खेल देखने के लिए वहाँ चलें। यह खेल का मैदान विशाल है। अनेक खेल यहाँ
होते हैं। खेल का मैदान देखने से बहुत उत्साह और आनन्द होता है। इसलिए हमसब खेल का
मैदान शाम के समय प्रतिदिन जाते हैं। (खेल का मैदान देखने के बाद सभी अपने-अपने घर
जाते हैं।)
अभ्यासः
मौखिकः
1. कोष्ठगत शब्दों को सही रूपों में बदलकर रिक्त
स्थानों की पूर्ति करें :–
जैसे - अहं विद्यालयं गच्छामि । (विद्यालय)
(क) सः ……….…… खादति । (ओदन)
(ख) इदानीं …….....….. वर्तते । (संध्याकाल)
(ग) युवां कुत्र ………………. | (गम् = गच्छ)
(घ) तदा नवीना क्रीडा …………….. । (भू = भव)
(ङ) त्वं संध्याकाले प्रतिदिनं ……..…….. । (पठ्)
उत्तर-
(क) सः ओदनं खादति।
(ख) इदानीं संध्याकालः वर्तते।
(ग) युवाम् कुत्र गच्छथः।
(घ) तदा नवीना क्रीडा भवति ।
(ङ) त्वं संध्याकाले
प्रतिदिनं पठसि ।
Extra Information :-
(क) वह भात खाता है |
(ख) इस समय शाम का समय है |
(ग) तुमदोनों कहाँ जाते हो ?
(घ) तब नया खेल होता है |
(ङ) तुम शाम के समय में
प्रतिदिन पढ़ते हो |
इदानीं = इस समय | ओदनं = भात | कन्दुकम् = गेंद
2. निम्नलिखित
शब्दों से एक-एक वाक्य बनाएँ :-
इदानीम्, खेलक्षेत्रम्, बालकाः, कन्दुकम्, विशालः
उत्तर-
इदानीम् – इदानीं सन्ध्याकालः वर्तते।
खेलक्षेत्रम् – इदं खेलक्षेत्रम् विशालं अस्ति।
बालकाः – तत्र बालकाः कन्दुकेन क्रीडन्ति।
कन्दुकम् – बालकः कन्दुकम् इच्छति।
विशालः – तत्र विशाल: वृक्षः अस्ति।
3. निम्नांकित
रिक्तियों को भरकर वाक्य-निर्माण करें :-
जैसे – बालकः पुस्तक पठति |
(क) अश्वः घासम् (तृणम्)
.................. |
(ख) अजा फलम् ..................... |
(ग) गजः भारम् ..................... |
(घ) ............ फलम् क्रिणाति |
(ङ) .............. शनैः शनैः धावति |
उत्तर-
अश्वः घासम् खादति ।
अजा फलम् खादति ।
गजः भारम् वहति ।
बालकः फलम् क्रिणाति ।
गीता शनैः शनैः धावति ।
लिखितः
4. उदाहरण के अनुसार रिक्त स्थान भरें :-
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम
पुरुष |
क्रीडति |
क्रीडतः |
क्रीडन्ति |
मध्यम
पुरुष |
क्रीडसि |
................. |
क्रीडथ |
उत्तम
पुरुष |
.................. |
क्रीडावः |
................ |
उत्तर :-
पुरुष |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथम
पुरुष |
क्रीडति |
क्रीडतः |
क्रीडन्ति |
मध्यम
पुरुष |
क्रीडसि |
क्रीडथः |
क्रीडथ |
उत्तम
पुरुष |
क्रीडामि |
क्रीडावः |
क्रीडामः |
5. निम्नलिखित
शब्दों को सुमेलित करें :-
(i) खेलक्षेत्रम् (क) मिलति
(ii) शीला (ख) कोलाहल:
(iii) महान् (ग) विस्तृतम्
(iv) नवीना (घ) संध्याकाल:
(v) इदानीम् (ङ) क्रीडा
उत्तर-
(i) खेल क्षेत्रम् – (ग) विस्तृतम्
(ii) शीला – (क) मिलति
(iii) महान् – (ख) कोलाहलः
(iv) नवीना – (ङ) क्रीडा
(v) इदानीम् – (घ) संध्याकालः
6. निम्नलिखित
वाक्यों को सुमेलित करें :–
(क)इस समय सबेरा है। (i) अत्र केवलाः बालिकाः खेलन्ति ।
(ख)चलो , घर चलें। (ii) इदानीं प्रात: कालः वर्तते।
(ग)यहाँ केवल लड़कियाँ
खेलती हैं। (iii) अत्र अनेकाः क्रीड़ाः
भवन्ति ।
(घ)यह मैदान विशाल है। (iv) चल, गृहं चलामः ।
(ङ)यहाँ अनेक खेल होते हैं। (v) इदं खेलक्षेत्रं विशालम् ।
उत्तर :-
(क)इस समय सबेरा है। (ii) इदानीं प्रात: कालः वर्तते।
(ख)चलो , घर चलें। (iv) चल, गृहं चलामः ।
(ग)यहाँ केवल लड़कियाँ
खेलती हैं। (i) अत्र केवलाः बालिकाः
खेलन्ति ।
(घ)यह मैदान विशाल है। (v) इदं खेलक्षेत्रं विशालम् ।
(ङ)यहाँ अनेक खेल होते
हैं। (iii) अत्र अनेकाः क्रीड़ाः
भवन्ति ।
7. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध रूप लिखें :-
(क)
खेलक्षेत्र: (ख) व्यामस्य (ग) भर्मणाय
(घ)
कनदुकम् (ङ) क्रिडा
उत्तर -
(क) खेलक्षेत्र: = खेलक्षेत्रम् (ख) व्यामस्य = व्यायामस्य
(ग) भर्मणाय = भ्रमणाय (घ) कनदुकम् = कन्दुकम्
(ङ) क्रिडा = क्रीडा
8. उत्तराणि लिखत :-
(क) खेलक्षेत्रं किमर्थं भवति ?
(ख) आवां कुत्र गच्छावः ?
(ग) सर्वे कुत्र प्रविशन्ति ?
(घ) कदा महान् कोलाहलो भवति ?
(ङ) वयं
संध्याकाले कुत्र गच्छामः ?
(क) खेलक्षेत्रं
किमर्थं भवति ?
खेलक्षेत्रं मनोरंजनस्य
व्यायामस्य च स्थलं भवति ।
(ख) आवां
कुत्र गच्छावः ?
आवां खेलक्षेत्रं
गच्छावः ।
(ग) सर्वे
कुत्र प्रविशन्ति ?
सर्वे खेलक्षेत्रे
प्रविशन्ति ।
(घ) कदा
महान् कोलाहलो भवति ?
यदा कन्दुकं
लक्ष्यं प्रविशति तदा महान् कोलाहलो भवति ।
(ङ) वयं
संध्याकाले कुत्र गच्छामः ?
वयं संध्याकाले
खेलक्षेत्रं गच्छामः ।
Bihar Board Class 6 Sanskrit Chapter 10 सामाजिकं समत्वम्
सामाजिकं समत्वम्
मनुष्यः सामाजिकः प्राणी वर्तते। समाजं विना मनुष्याणां
जीवनं कठिनं भवति। एकं भवनं जनानां सहयोगेन निर्मितं भवति। केचन जनाः इष्टकानां
निर्माणम् अकुर्वन्। केचन अस्य भवनस्य कपाट-गवाक्षयोः निर्माणम् अकुर्वन्। एवमेव
सामाजिक-सहयोगेन एव अनेकानि वस्तूनि निर्मितानि भवन्ति ।
मनुष्य सामाजिक प्राणी है। समाज के बिना मनुष्यों का जीवन कठिन हो जाता है। एक
मकान लोगों के सहयोग से निर्मित होता है। कुछ लोगों ने ईंटों का निर्माण किया।
किसी ने इस मकान के दरवाजा-खिड़की का
निर्माण किया। इसी प्रकार सामाजिक-सहयोग से ही अनेक वस्तुओं का निर्माण होता है ।
अस्माकं देशे विविधाः जनाः वसन्ति। विविधान् धर्मान् ते
आचरन्ति। किन्तु सर्वे भ्रातृभावेन निवसन्ति। वयं परस्परं सौहार्देन निवसामः। ईद – होलिका – क्रिसमस
– प्रभृतीनाम् उत्सवानाम् अवसरेषु
परस्परं सहयोगं कुर्मः।
हमारे देश में विभिन्न प्रकार के लोग रहते हैं। विभिन्न धर्मों का वे सब आचरण
करते हैं। किन्तु सभी भाईचारे की भावना से निवास करते हैं। हमलोग आपस में प्रेम से
निवास करते हैं। ईद – होली, क्रिसमस इत्यादि उत्सवों
के अवसरों पर पस्पर सहयोग करते हैं।
केचन जनाः धर्मकारणात् विवादं कुर्वन्ति। ते स्वधर्मं
श्रेष्ठं वदन्ति। परधर्मं हीनं गणयन्ति। वस्तुतः सर्वे धर्माः समानाः सन्ति ।
कुछ लोग धर्म के कारण झगड़ा करते हैं। वे लोग अपने धर्म को श्रेष्ठ बताते हैं।
दूसरे के धर्म को छोटा आँकते हैं। वास्तव में सभी धर्म समान हैं ।
एवमेव समाजे केचन संपन्नाः , केचन
निर्धनाः सन्ति। सर्वे समाजस्य सदस्याः एव सन्ति। तेषु परस्परं समता भवेत्।
यन्त्रस्य एकैकः खण्डः अनिवार्यः अस्ति। तथैव समाजस्य सर्वे जनाः अनिवार्याः
सन्ति।
इसी प्रकार समाज में कुछ अमीर हैं,कुछ गरीब हैं। सभी समाज
के सदस्य ही हैं । उनमें परस्पर (आपस में) एकता होनी चाहिए । मशीन का प्रत्येक भाग
अनिवार्य है। उसी प्रकार समाज के सभी लोग अनिवार्य है।
यदा भारतीयाः परस्परं सौहार्देन निवसयुः, तदा
भारतवर्षं विश्वस्य प्रबलं राष्ट्रं भवेत् ।
जब भारतीय लोग आपस में प्रेम से रहेंगे तो भारत विश्व का मजबूत देश होगा ।
अभ्यासः
मौखिकः
1. उच्चारण
करें :-
(क)
मनुष्यस्य |
मनुष्ययोः |
मनुष्याणाम् |
जनस्य |
जनयोः |
जनानाम् |
भवनस्य |
भवनयोः |
भवनानाम् |
उत्सवस्य |
उत्सवयोः |
उत्सवानाम् |
यन्त्रस्य |
यन्त्रयोः |
यन्त्राणाम् |
(ख)
बालके |
बालकयोः |
बालकेषु |
देशे |
देशयोः |
देशेषु |
अवसरे |
अवसरयोः |
अवसरेषु |
समाजे |
समाजयोः |
समाजेषु |
दिवसे |
दिवसयोः |
दिवसेषु |
लिखितः
2. कोष्ठ में दिये गये शब्दों में षष्ठी
विभक्ति का रूप देकर रिक्त स्थानों को भरें :–
यथा – रामः दशरथस्य पुत्रः आसीत् । (दशरथ)
(क) पाटलिपुत्रं …………………. राजधानी अस्ति । (बिहार)
(ख) डाक्टर राजेन्द्रप्रसादः ………..…. प्रथमः राष्ट्रपतिः आसीत् । (भारत)
(ग) सीता ……………….. पत्नी आसीत् । (राम)
(घ) अहं …………………. छात्र: अस्मि । (षष्ठवर्ग)
(ङ) ………………. जलं क्षारं भवति। (समुद्र)
(च) ……………….. उत्तरदिशायां हिमालयः अस्ति। (भारत)
उत्तर-
(क) पाटलिपुत्रं बिहारस्य राजधानी अस्ति ।
(ख) डाक्टर राजेन्द्र प्रसादः भारतस्य प्रथमः राष्ट्रपतिः आसीत् ।
(ग) सीता रामस्य पत्नी आसीत् ।
(घ) अहं षष्ठवर्गस्य छात्रः अस्मि ।
(ङ) समुद्रस्य जलं क्षारं भवति ।
(च) भारतस्य उत्तरदिशायां हिमालयः अस्ति ।
Extra Knowledge :-
राम दशरथ के पुत्र थे |
(क) पटना बिहार की राजधानी है |
(ख) डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे |
(ग) सीता राम की पत्नी थीं |
(घ) मैं छठी कक्षा का छात्र हूँ |
(ङ) समुन्द्र का जल
खारा है |
(च) भारत के उत्तर
दिशा में हिमालय है |
3. सुमेलित करें :-
(i) कुम्भकारः (क) पाकं करोति।
(ii) स्वर्णकारः (ख) पादत्राणं रचयति ।
(iii) रजक: (ग) काष्ठसामग्रीं निर्माति ।
(iv) चर्मकार: (घ) छात्रान् पाठयति।।
(v) काष्ठकारः (ङ) अलंकारं रचयति ।
(vi) पाचक: (च) कुम्भं करोति ।
(vii) शिक्षक: (छ) वस्त्रं प्रक्षालयति।
उत्तर :-
(i) कुम्भकारः – (च) कुम्भं करोति ।
(ii) स्वर्णकारः – (ङ) अलंकारं रचयति ।
(iii) रजक: – (छ) वस्त्रं
प्रक्षालयति।
(iv) चर्मकार: – (ख) पादत्राणम् रचयति ।
(v) काष्ठकारः – (ग) काष्ठसामग्रीं निर्माति ।
(vi) पाचकः – (क) पाकं करोति ।
(vii) शिक्षकः – (घ) छात्रान्
पाठयति।
4. मंजूषा में से सही शब्द चुनकर रिक्त
स्थानों को भरें :-
[ प्रणमन्ति, विकसन्ति, अस्ति, सन्ति, गुञ्जन्ति, पठामः, पाठयन्ति ]
(क) अयम् अस्माकं विद्यालयः ……………..।
(ख) वयं विद्यालये ………………. ।
(ग) विद्यालये सप्त शिक्षका: …….....…… ।
(घ) ते अस्मान् .................. |
(ङ) सर्वे विद्यार्थिनः अध्यापकान् ………...…… |
(च) उद्याने विविधानि पुष्पाणि ………………….।
(छ) पुष्पेषु भ्रमरा: ……………………..।
उत्तर :-
(क) अयम् अस्माकं विद्यालयः अस्ति।
(ख) वयं विद्यालये पठामः ।
(ग) विद्यालये सप्त शिक्षकाः सन्ति ।
(घ) ते अस्मान् पाठयन्ति ।
(ङ) सर्वे विद्यार्थिनः अध्यापकान् प्रणमन्ति ।
(च) उद्याने विविधानि पुष्पाणि विकसन्ति ।
(छ) पुष्पेषु भ्रमरा: गुञ्जन्ति ।
5. निम्नांकित शब्दों का वर्ण-विच्छेद
करें :-
यथा – विद्यार्थी – व् + इ + द् + य् + आ + र् + थ् + ई
विद्यालय: =
श्रवणम् =
दृश्यम् =
शिक्षक: =
महोत्सवः =
उत्तर :-
विद्यालय: = व् + इ + द् + य् + आ + ल् + अ + य् + अः
श्रवणम् = श् + र् + अ + व् + अ + ण् + अ + म्
दृश्यम् = द् + ऋ + श् + य् + अ + म्
शिक्षक: = श् + इ + क् + ष् + अ + क् + अ:
महोत्सवः = म् + अ + ह् + ओ + त् + स् + अ + व् + अः
6. निम्नलिखित विषयों पर हिन्दी में
पाँच-पाँच वाक्य लिखें :-
ईद, होली, क्रिसमस
|
उत्तर :-
ईद
(i) ईद मुसलामानों का पवित्र त्योहार है |
(ii) यह पर्व रमजान के ख़त्म होने पर मनाया जाता
है |
(iii) लोग ईद के दिन ईदगाह में नमाज अदा करते
हैं |
(iv) धर्म उपदेशक खुतबा (उपदेश) पढ़ते हैं |
(v) सभी एक-दूसरे के गले मिलते हैं तथा ख़ुशी
बाँटते हैं |
होली
(i) होली हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से
एक है।
(ii) यह त्योहार फाल्गुन पूर्णिमा के दूसरे दिन मनाया जाता
है |
(iii) सभी रंग-गुलाल खेलकर अपनी ख़ुशी प्रकट करते हैं |
(iv) होली से एक दिन पहले होलिकादहन धूमधाम से मनाया जाता
है |
(v) यह त्योहार प्रेम, भाईचारे तथा बुराई पर अच्छाई की विजय
का प्रतीक है |
क्रिसमस
(i) क्रिसमस ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है।
(ii) यह त्योहार 25 दिसंबर को हर साल मनाया
जाता है |
(iii) इस दिन लोग क्रिसमस का पेड़ लगाते हैं |
(iv) ईसामसीह इसी दिन इस धरती पर अवतरित हुए थे
|
(v) यह त्योहार हमें मानवता तथा प्रेम का संदेश
देता है |
7. संस्कृते प्रश्नानाम् उत्तराणि
लिखत :-
(क) मनुष्यः कीदृशः
प्राणी अस्ति ?
(ख) कं विना जीवनं
कठिनं भवति ?
(ग) अस्माकं देशस्य
किं नाम अस्ति ?
(घ) भारतं प्रबलं
राष्ट्रं कथं भवेत् ?
(क) मनुष्यः कीदृशः प्राणी अस्ति ?
मनुष्यः सामाजिकः प्राणी अस्ति ।
(ख) कं विना जीवनं कठिनं भवति ?
समाजं विना जीवनं कठिनं भवति ।
(ग) अस्माकं देशस्य किं नाम अस्ति ?
अस्माकं देशस्य नाम भारतवर्षम् अस्ति ।
(घ) भारतं प्रबलं राष्ट्रं कथं भवेत्
?
यदा भारतीयाः परस्परं सौहार्देन निवसयुः, तदा भारतं प्रबलं राष्ट्रं भवेत् ।
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Bihar Board Class 6 Sanskrit Chapter 11 गंगा नदी
गंगा नदी
गङ्गा भारतवर्षस्य पवित्रतमा नदी
वर्तते । इयं हिमालयस्य गोमुखस्थानात् प्रभवति । बंगोपसागरे गंगासागरनामके स्थाने
इयं सागरजलेन मिलति ।
गंगा भारतवर्ष की सबसे पवित्र नदी है। यह
हिमालय के गोमुख स्थान से निकलती है। बंगाल की खाड़ी में गंगासागर नामक स्थान पर यह
समुद्र जल में मिलती है।
गङ्गातटे बहूनि नगराणि सन्ति।
अस्माकं बिहारस्य राजधानी पाटलिपुत्रमपि गङ्गायाः तटे स्थितम् अस्ति। गङ्गाजलम्
अतिपवित्रं भवति। अस्याः जलेन धार्मिकं कार्यम् भवति । हिन्दूधर्मावलम्बिनां
सर्वेषु शुभकार्येषु गङ्गाजलस्य आवश्यकता भवति।
गंगा के किनारे बहुत नगर हैं। हमारे बिहार की
राजधानी पटना भी गंगा के तट पर स्थित है। गंगा का जल बहुत पवित्र होता है। इसके जल
से धार्मिक कार्य होता है। हिन्दू धर्म को मानने वालों के सभी शुभ कार्यों में
गंगा जल की आवश्यकता होती है |
गङ्गायाम्
अनेकाः नद्यः मिलन्ति। तासु यमुना-सरयू गंडकी-कौशिकी प्रभृतयः सन्ति। गङ्गायाः तटे
हरिद्वार-प्रयाग-काशी-प्रभृतीनि प्रसिद्धतीर्थस्थानानि सन्ति। गङ्गाजलेन कृषिभूमेः
सेचनं भवति।
गंगा में अनेक नदियाँ मिलती हैं। उनमें
यमुना-सरयू-गंडकी,कोसी इत्यादि हैं। गंगा के तट पर हरिद्वार-प्रयाग-काशी
इत्यादि प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं। गंगा जल से कृषि भूमि की सिंचाई होती है।
अधुना जनाः गङ्गाजलं प्रदूषितं
कुर्वन्ति। गङ्गातटे स्थितानां नगराणां सर्वाणि मलजलानि गङ्गायां पातयन्ति। केचन
मनुष्याणां पशूनाञ्च मृतशरीराणि नद्यां प्रवाहयन्ति। इदं न साधु कार्यम् अस्ति। नदीजले
मलानां क्षेपणं वैज्ञानिकविचारेण धार्मिकविचारेण च न शोभनम्।
आजकल लोग गंगाजल को गन्दा कर रहे हैं। गंगा के किनारे
स्थित नगरों के सभी गन्दे जल गंगा में गिराये जाते हैं। कुछ मनुष्यों और पशुओं के
मृत शरीर को नदी में प्रवाहित किए जाते हैं। यह अच्छा काम नहीं है। नदी के जल में
गन्दे वस्तुओं को फेंकना वैज्ञानिक और धार्मिक विचार से अच्छा नहीं है।
अभ्यासः
मौखिक:
1. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण
करें :–
(क)
गङ्गायाः गङ्गायाम् गङ्गया
लतायाः लतायाम् लतया
सीतायाः सीतायाम् सीतया
अयोध्यायाः अयोध्यायाम् अयोध्यया
गीतायाः गीतायाम् गीतया
गङ्गायाः = षष्ठी विभक्ति संबंध कारक ( गंगा का/के/की)
गङ्गायाम् = सप्तमी विभक्ति अधिकरण कारक (गंगा में)
गङ्गया = तृतीया विभक्ति करण कारक (गंगा से/द्वारा)
(ख)
जलम् |
जलेन |
जलात् |
फलम् |
फलेन |
फलात् |
दुग्धम् |
दुग्धेन |
दुग्धात् |
ग्रामम् |
ग्रामेण |
ग्रामात् |
विद्यालयम् |
विद्यालयेन |
विद्यालयात् |
जलम् = प्रथमा विभक्ति कर्ता कारक (जल)
जलेन = तृतीया विभक्ति करण कारक (जल से/द्वारा)
जलात् = पंचमी विभक्ति अपादान कारक (जल से)
लिखितः
2. कोष्ठ में दिये गए शब्दों से
तृतीया विभक्ति का रूप देकर रिक्त स्थानों को भरें :-
जैसे - सीता
रामेण सह वनम् अगच्छत् | (राम)
(क) मोहनः ……………… सह विद्यालयं गच्छाति। (सोहन)
(ख) लता …………….. सह वाटिकां गच्छति। (सीता)
(ग) सीता …………. सह पुस्तकं पठति। (गीता)
(घ) रमेशः ………….. लिखति | (कलम)
(ङ) मुकेशः …………….. सह खादति। (मित्र)
उत्तर-
मोहनः सोहनेन सह विद्यालयं गच्छति।
लता सीतया सह वाटिकां गच्छति।
सीता गीतया सह पुस्तकं पठति।
रमेशः कलमेन लिखति।
मुकेशः मित्रेण सह खादति।
3. सुमेलित करें :-
(i) कृषकः (क) प्रवहति।
(ii) छात्र (ख) उपचारं करोति।
(iii) चिकित्सकः (ग) कृषिकार्यं करोति।
(iv) गङ्गा (घ) भवनम्।
(v) विद्यालयस्य (ङ) पठति।
उत्तर-
(i) कृषक: – (ग) कृषिकार्यं करोति।
(ii) छात्रः – (ङ) पठति।
(iii) चिकित्सकः – (ख) उपचारं करोति।
(iv) गंगा – (क) प्रवहति ।
(v) विद्यालयस्य – (घ) भवनम्।
4. मंजूषा में से सही शब्द चुनकर रिक्त
स्थानों को भरें :-
सन्ति, बहूनि, पवित्रतमा, पातयन्ति, गंगाजलम्, प्रभवति, गंगाजलेन
(क) गंगा हिमालयात् ………....... ।
(ख) नदीषु गंगा …...….. अस्ति ।
(ग) गंगातटे .……...…. नगराणि ….........…. |
(घ) ……......… जनाः पिबन्ति ।
(ङ) ……...…. कृषि-भूमेः सेचनं भवति ।
(च) जनाः मलजलानि गंगायां
….......…….
।
(क) गंगा
हिमालयात् ………....... ।
गंगा हिमालयात् प्रभवति
।
(ख) नदीषु
गंगा …...….. अस्ति ।
नदीषु गंगा पवित्रतमा
अस्ति।
(ग) गंगातटे
.……...…. नगराणि ….........…. |
गंगातटे बहूनि
नगराणि सन्ति।
(घ) ……......… जनाः
पिबन्ति ।
गंगाजलम् जनाः पिबन्ति ।
(ङ) ……...…. कृषि-भूमेः
सेचनं भवति ।
गंगाजलेन कृषि-भूमेः सेचनं भवति।
(च) जनाः
मलजलानि गंगायां ….......……. ।
जनाः मलजलानि गंगायां पातयन्ति।
5. निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद करें :–
जैसे – रामः = र्
+ आ + म् + अः
गंगा =
हिमालयः =
गोमुखम् =
नगरम् =
भवति =
उत्तर :-
गंगा = ग् + अं + ग् + आ
हिमालयः = ह् + इ + म् + आ + ल् + अ + य् + अः
गोमुखम् = ग् + ओ + म् + उ + ख् + अ + म्
नगरम् = न् + अ + ग् + अ + र् + अ + म्
भवति = भ् + अ + व् + अ + त् + इ
6. निम्नलिखित विषयों पर संस्कृत में दो-दो वाक्य
लिखें :-
हिमालयः, विद्यालयः, दीपावली
|
उत्तर-
हिमालयः
अयं भारतस्य उत्तरदिशायां अस्ति। हिमालयः
भारतस्य रक्षकः अस्ति।
विद्यालयः
विद्यायाः आलयः विद्यालयः कथ्यते। विद्यालये
छात्राः पठन्ति।
दीपावली
दीपावली हिन्दुनां एकः महत्वपूर्णः उत्सवः
अस्ति । जनाः लक्ष्मी-गणेशयोः पूजयन्ति।
7. उत्तराणि लिखत :-
(क)
भारतस्य
पवित्रतमा नदी का ?
भारतस्य
पवित्रमा नदी गंगा अस्ति ।
(ख)
गंगा
कुतः प्रभवति ?
गंगा
हिमालयस्य गोमुखस्थानात् प्रभवति ।
(ग) अस्याः जलं कीदृशं भवति ?
अस्याः जलं अतिपवित्रं
भवति ।
(घ) शुभकार्येषु कस्याः जलस्य आवश्यकता भवति ?
शुभकार्येषु
गंगायाः जलस्य आवश्यकता भवति ।
(ङ) अधुना जनाः गंगाजलं किं कुर्वन्ति ?
अधुना जनाः
गंगाजलं प्रदूषितं कुर्वन्ति ।
नीतिश्लोकाः
अभ्यासः
मौखिकः
1. पाठ
में दिए गए श्लोकों को सस्वर गाएँ |
उत्तर :- छात्र स्वयं गाएँ |
लिखितः
2. मंजूषा से उचित
शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :-
[ जन्तवः, धीमताम्,
कलहेन, का ]
(क) प्रियवाक्यप्रदानेन
सर्वे तुष्यन्ति ............... ।
(ख) तस्मात्तदेव
वक्तव्यं वचने ......... दरिद्रता |
(ग) काव्यशास्त्रविनोदेन
कालो गच्छति ................. ।
(घ) व्यसनेन तु मूर्खाणां
निद्रया ............... वा |
उत्तर :-
(क) प्रियवाक्यप्रदानेन
सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः ।
(ख) तस्मात्तदेव
वक्तव्यं वचने का दरिद्रता |
(ग) काव्यशास्त्रविनोदेन
कालो गच्छति धीमताम् ।
(घ) व्यसनेन तु मूर्खाणां
निद्रया कलहेन वा |
3. श्लोकों
को जोड़ें :-
(क) (ख)
(क) काव्यशास्त्रविनोदेन
(i) सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः
(ख) हस्तस्य भूषणं
दानं (ii) कालो गच्छति धीमताम्
(ग) प्रियवाक्यप्रदानेन
(iii) न प्रीतिर्न च
बान्धवाः
(घ) यस्मिन् देशे
न सम्मानो (iv) अविद्यस्य कुतो
धनम्
(ङ) अलसस्य कुतो
विद्या (v) सत्यं कण्ठस्य भूषणम्
उत्तर-
(क) काव्यशास्त्रविनोदेन
– (ii) कालो गच्छति धीमताम्
(ख) हस्तस्य भूषणं
दानं – (v) सत्यं कण्ठस्य
भूषणम्
(ग) प्रियवाक्यप्रदानेन
– (i) सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः
(घ) यस्मिन् देशे
न सम्मानो – (iii) न प्रीतिर्न च बान्धवाः
(ङ) अलसस्य कुतो
विद्या – (iv) अविद्यस्य कुतो धनम्
4. उपयुक्त कथनों
के सामने सही ✓ का तथा
अनुपयुक्त कथनों के सामने गलत ✗ का चिह्न लगाएँ :-
यथा –
प्रियवाक्यप्रदानेन
सर्वे तुष्यन्ति | ( ✓)
मूर्खाणां कालः काव्यशास्त्रविनोदन गच्छति। ( ✗)
(क) दानं
हस्तस्य भूषणम् । ( )
(ख) सत्यं
श्रोत्रस्य भूषणम् । ( )
(ग) धीमतां
कालः निद्रया गच्छति । ( )
(घ) यत्र
सम्मानः तत्र वसेत् । ( )
(ङ) श्रोत्रस्य
भूषणं शास्त्रम् । ( )
उत्तर :-
(क) दानं
हस्तस्य भूषणम् । (✓)
(ख) सत्यं
श्रोत्रस्य भूषणम् । (✗)
(ग) धीमतां
कालः निद्रया गच्छति । (✗)
(घ) यत्र
सम्मानः तत्र वसेत्। (✓)
(ङ) श्रोत्रस्य
भूषणं शास्त्रम् । (✓)
5. संस्कृत में अनुवाद करें :-
(क) राम घर जाता है |
(ख) मोहन पुस्तक पढ़ता है |
(ग) शीला पत्र लिखती है |
(घ) राकेश फल खाता है |
(ङ) मुकेश सत्य
बोलता है |
उत्तर :-
(क) राम घर जाता है | रामः गृहं गच्छति |
(ख) मोहन पुस्तक पढ़ता है | मोहनः पुस्तकं पठति |
(ग) शीला पत्र लिखती है | शीला पत्रं लिखति |
(घ) राकेश फल खाता है | राकेशः फलम् खादति |
(ङ)
मुकेश सत्य बोलता है | मुकेशः सत्यं वदति
|
6. उत्तराणि लिखत
:-
(क) सर्वे
जन्तवः केन तुष्यन्ति ?
(ख) कुत्र
न वसेत् ?
(ग) धीमताम्
कालः कथं गच्छति ?
(घ) मूर्खाणां
कालः कथं गच्छति ?
(ङ) हस्तस्य
भूषणं किम् ?
(क) सर्वे
जन्तवः केन तुष्यन्ति ?
उत्तर :- सर्वे
जन्तवः प्रियवाक्यप्रदानेन तुष्यन्ति ।
(ख) कुत्र
न वसेत् ?
उत्तर :- यत्र
न सम्मानः मिलति, न प्रीतिः न च बान्धवाः न विद्या
आगमनस्य साधनं तत्र न वसेत् |
(ग) धीमताम्
कालः कथं गच्छति ?
उत्तर :- धीमताम्
कालः काव्यशास्त्रविनोदेन गच्छति ।
(घ) मूर्खाणां
कालः कथं गच्छति ?
उत्तर :- मूर्खाणां
काल: व्यसनेन निद्रया कलहेन वा गच्छति ।
(ङ)
हस्तस्य
भूषणं किम् ?
उत्तर :- हस्तस्य
भूषणं दानम् ।
[ नीतिश्लोकाः
]
प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति
जन्तवः ।
तस्मात्तदेव वक्तव्यं
वचने का दरिद्रता ।।1।।
अर्थ – प्रिय वचन बोलने से सब प्राणी
प्रसन्न होते हैं। इसलिए वैसा ही बोलना चाहिए। बोलने में कंजूसी कैसी ।
यस्मिन्देशे न सम्मानो न प्रीतिर्न च
बान्धवाः ।
न च विद्यागमः कश्चिन्न
तत्र दिवसं वसेत् ।।2।।
अर्थ – जिस स्थान पर सम्मान न मिले, जहाँ प्रसन्नता नहीं हो, जहाँ कोई मित्र नहीं हो और जहाँ विद्या अध्ययन की
व्यवस्था नहीं हो, वहाँ
एक दिन भी नहीं रहना चाहिए।
काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति
धीमताम् ।
व्यसनेन तु मूर्खाणां
निद्रया कलहेन वा ।।3।।
अर्थ – बुद्धिमानों का समय काव्य और
शास्त्र के विषय में चर्चा करने में बीतता है। लेकिन मूखों का समय बुरे कार्यों
में, सोने में या झगड़ा करने में बीतता है।
अलसस्य कुतो विद्या अविद्यस्य कुतो
धनम् ।
अधनस्य कुतो
मित्रममित्रस्य कुतः सुखम् ।।4।।
अर्थ – आलसी को विद्या कहाँ प्राप्त
होती है,
जो विद्याहीन होते
हैं उनको धन नहीं प्राप्त होता है। धनहीन को मित्र नहीं होता तथा बिना मित्र के
सुख की प्राप्ति नहीं होती है।
हस्तस्य भूषणं दानं सत्यं
कण्ठस्य भूषणम् ।
श्रोत्रस्य भूषणं
शास्त्रं भूषणैः किं प्रयोजनम् ।।5।।
अर्थ- हाथ की शोभा दान देने से
होती है। कण्ठ की शोभा सत्य वचन बोलने से होती है। कान की शोभा शास्त्र की बातें
सुनने से होती है। जिसने दान-सत्य और शास्त्ररूपी आभूषण धारण कर लिया है उसके लिए अन्य
आभूषण की क्या आवश्यकता है।
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