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bihar board class 7 history atit se vartman solutions | अतीत से वर्तमान कक्षा 7 Solution | BIHAR BOARD CLASS 7 HISTORY CHAPTER 1 QUESTION ANSWER to LAST

 

 BIHAR BOARD CLASS 7 HISTORY CHAPTER 1 QUESTION ANSWER (अतीत से वर्तमान कक्षा 7 Solution)

 

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                                        कहाँ, कब और कैसे ?

                     अभ्यास

 

(1) रिक्त स्थानों को भरें :-

(क) सोलहवीं सदी के आरम्भ में बाबर ने हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग किया।

(ख) तारीखउलहिन्द एक विशेष प्रकार का फारसी इतिहास है ।

(ग) अरब लोगों द्वारा भारत में एक नये धर्म का आगमन हुआ ।

(घ) भारत में कागज का प्रयोग तेरहवीं शताब्दी के आस-पास हुआ ।

 

(2) जोड़े बनाइए :-

राजतरंगिनी                         दरिया साहब

भक्ति संत                          सासाराम

तबकात-ए-नासिरी                वैकटपुर का शिव मंदिर

शेरशाह का मकबरा              कश्मीर का इतिहास

मानसिंह                       मिनहाज-उस-सिराज

 

 

 

उत्तर : राजतरंगिनी              कश्मीर का इतिहास 

       भक्ति संत                 दरिया साहब

     तबकात-ए-नासिरी          मिनहाज-उस-सिराज

     शेरशाह का मकबरा             सासाराम

        मानसिंह               वैकटपुर का शिव मंदिर

 

(3)मध्य काल के वैसे वस्त्रों की सूची बनाइए  जिसका व्यवहार हम आज भी करते हैं ।

उत्तरमध्यकाल में सिले हुए वस्त्र बहुत कम लोग ही पहनते थे । कमर के नीचे धोती, कंधे से लेकर कमर के नीचे तक चादर तथा सर पर मुरेठा बाँधने का रिवाज था। उनके वस्त्रों में से धोती, चादर और मुरेठा का व्यवहार हम आज भी करते हैं ।

 

(4) वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में हुए प्रमुख प्रौद्योगिकीय परिवर्तनों को बताएँ ।

उत्तरप्राचीन भारत में वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में धागों की कताई के लिए केवल हाथ से चलने वाले पहिए और तकली का प्रयोग होता था | बाद में चरखे और धुनिया की धुनकी का प्रयोग होने लगा |

 

(5) कागज का आविष्कार सर्वप्रथम कहाँ हुआ था?

उत्तरकागज का आविष्कार सर्वप्रथम चीन में हुआ ।

 

(6) वनवासियों को जंगल क्यों छोड़ना पड़ा?

उत्तर बाहर से आये लोगों के लिये अधिक अन्न की आवश्यकता थी । प्रौद्योगिकी में परिवर्तन के फलस्वरूप खेती योग्य भूमि की तलाश हो रही थी। खेती बढ़ाने के लिए जंगल काटे जाने लगे । इसलिए वनवासियों को जंगल छोड़ना पड़ा |

 

(7) गंगा-यमुनी संस्कृति से क्या समझते हैं?

उत्तर तुर्क, अफगान, ईरानी और मुगलों के आने से हमारी भाषा, रहन-सहन, पोशाक, रीति-रिवाज आदि प्रभावित हुए और उनमें एक मिली-जुली परंपरा का विकास हुआ | इसे ही गंगा-यमुनी संस्कृति कहते हैं |

 

(8) आठवीं शताब्दी के आस-पास हुए परिवर्तनों को लिखें।

उत्तरआठवीं शताब्दी के आस- पास भारत को हिन्दुस्तान भी कहा जाने लगा । उत्पादन के क्षेत्र में आए तकनीकी परिवर्तनों के फलस्वरूप नगरों के विकास एवं उनकी संख्या में वृद्धि हुई | खेतों की सिंचाई में रहट और वस्त्र उद्योग में चरखे का प्रयोग होने लगा |

 

(9) क्या प्राचीन काल की तुलना में मध्य काल के अध्ययन के लिये ज्यादा स्रोत

उपलब्ध हैं?

उत्तर- हाँ, प्राचीन काल की तुलना में मध्य काल के अध्ययन के लिए ज्यादा स्रोत उपलब्ध है। मध्य काल में निर्मित अनेक मंदिरों, मस्जिदों, मकबरों एवं किलों से तथा सिक्कों,अभिलेखों, लेखकों द्वारा लिखी किताबों और अनेक यात्रियों के यात्रा वृत्तांत से इस काल के बारे में बहुत जानकारी मिलती है |

 

(10) जब एक ही व्यक्ति या घटना के सम्बंध में अलग-अलग मत आते हैं, तो ऐसी परिस्थितियों में इतिहासकार क्या करते होंगे ?

उत्तर ऐसी परिस्थितियों में इतिहासकार उस काल के उस विषय से संबंधित अन्य स्रोतों को ढूँढते हैं | मिल जाने पर उसे अच्छे से अध्ययन करके निष्कर्ष पर पहुँचते हैं |

 

(11) आप भी संस्मरण लिख सकते हैं | आप अपनी पसंद और रूचि के अनुसार किसी परिचित व्यक्ति या अपने जीवन की घटना को लिखिए |

उत्तर –

 

(12) आजकल के प्रचलित सिक्कों से किन-किन बातों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है?

उत्तर – सिक्कों पर अंकित तारीख उसका छपाई वर्ष बताता है | सिक्कों पर अंकित लेखों से इस काल की भाषा और लिपि की जानकारी प्राप्त होती है | हमारे सिक्कों पर लिखा भारत या इंडिया शब्द देश के बारे में बताता है | सिक्कों से इस काल की प्रचलित धातु का पता चलता है |

 

   BIHAR BOARD CLASS 7 HISTORY CHAPTER 2 QUESTION ANSWER (अतीत से वर्तमान कक्षा 7 Solution)

 

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                                  नये राज्‍य एवं राजाओं का उदय

                                                     अभ्यास

 

(1) जोड़े बनाइए

    सोमनाथ                गुर्जर प्रतिहार

    पालवंश               लोगों द्वारा चयनित शासक

    गोपाल                  त्रिपक्षीय संघर्ष

    कन्नौज                   गुजरात

   मध्य भारत                 बंगाल

 

 

उत्तर :  सोमनाथ             गुजरात

        पालवंश              बंगाल

        गोपाल         लोगों द्वारा चयनित शासक

        कन्नौज            त्रिपक्षीय संघर्ष

       मध्य भारत           गुर्जर प्रतिहार

 

(2) दक्षिण के प्रमुख राज्य कौन-कौन थे?

उत्तर- दक्षिण के प्रमुख राज्य निम्नलिखित थे -

(i) चोल    (ii) चेर    (iii) पाण्ड्य   (iv) राष्ट्रकूट  (v) चालुक्य  

 

(3) उस समय राजा कौन-कौन सी उपाधियाँ धारण करते थे?

उत्तरउस समय के राजा बड़ी-बड़ी उपाधियाँ जैसे- महाराजाधिराज, परमभट्टारक, परमेश्वर, त्रिभुवन-चक्रवर्तिन आदि धारण करते थे।

 

(4) बिहार एवं बंगाल में किन वंशों का शासन था ?

उत्तरबिहार एवं बंगाल में क्रमशः सेन तथा पाल वंशों का शासन था ।

 

(5) तमिल क्षेत्र में किस तरह की सिंचाई व्यवस्था का विकास हुआ?

उत्तर सिंचाई के लिए तालाब और कुओं का इस्तेमाल होता था | वर्षा के जल को बड़े-बड़े तालाबों में एकत्र किया जाता था | तालाब के जल को खेतों तक पहुँचाने के लिए नहरों का निर्माण किया गया |

 

(6) कन्नौज शहर तीन शक्तियों के संघर्ष का केन्द्र बिन्दु क्यों बना?

उत्तरकन्नौज उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध नगर था | जो इस पर अधिकार कर लेता वह उत्तर भारत के राजा के रूप में प्रतिष्ठित हो जाता था | कन्नौज गंगा के तट पर स्थित होने के कारण नदी मार्ग से होने वाले व्यापार की दृष्टि से महत्वपूर्ण था | इसलिए कन्नौज शहर तीन शक्तियों के संघर्ष का केन्द्र बिन्दु बना |

 

(7) महमूद गजनवी अपनी विजय अभियानों में क्यों सफल रहा?

उत्तर महमूद गजनवी अपनी विजय अभियानों में सफल रहा क्योंकि उस समय सम्पूर्ण प्रायद्वीप अनेक छोटे-छोटे राज्यों में बँटा था | इनके आपसी संबंध अच्छे नहीं थे | सभी राज्यों में बाहरी आक्रमणकारियों का मिलकर सामना करने की भावना नहीं थी |

 

(8) सामंतवाद का उदय किस प्रकार हुआ?

उत्तर400 ई० से 1000 ई० के बीच युद्ध में हारे हुए राजाओं को आमतौर पर अपने राज्य वापस मिल जाते थे | बदले में उन्हें कुछ शर्ते माननी पड़ती थीं | पराजित राजा को यह स्वीकार करना पड़ता था कि विजयी राजा उसका स्वामी है| पराजित राजा उसका सामंत कहलाता था| इस प्रकार सामंतवाद का उदय हुआ।

 

(9) तत्कालीन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था आज की प्रशासनिक व्यवस्था से कैसे भिन्न थी?

उत्तर- आज प्रजातांत्रिक व्यवस्था है जबकि उस समय राजतंत्र था। उस समय के अधिकारी राजा की मर्जी से नियुक्त होते थे जबकि आज प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को परीक्षा पास कर नियुक्त होते हैं| उस समय महादण्डनायक होता था जो पुलिस विभाग का प्रधान होता था। लेकिन आज पुलिस का काम दोषियों को पकड़ना मात्र है। दंड न्यायपालिका देती है।

 

(10) क्या आज भी हमारे समाज में सामंतवादी व्यवस्था के लक्षण दिखाई देते हैं?

उत्तरआज दिखाने के लिये तो सामंती व्यवस्था हमारे समाज में नहीं है, लेकिन सामंतों-सा राजनीतिक बाहुबलियों का उदय हो गया है। कुछ बाहुबली तो खास राजनीतिक दलों के किसी पद पर आसीन होकर अपने ओहदे का धौंस दिखाकर जनता का भय दोहन करते हैं ।

 

(11) मध्यकाल के मंदिर अपने धन-दौलत के लिए काफी प्रसिद्ध थे| भव्यता के दृष्टिकोण से आप अपने पास के मंदिर से तुलना करें।

उत्तर भव्यता के दृष्टिकोण से तंजौर का वृहदेश्वर मंदिर के सामने हमारे पास का मंदिर कम है| जहाँ वृहदेश्वर मंदिर स्थापत्य और मूर्ति कला की सुंदर प्रस्तुति है, वही हमारे पास का मंदिर साधारण-सा है | पहले मंदिरों को भूमि और ग्राम दान दिये जाते थे, वहीँ हमारे पास का मंदिर बनने वक्त सिर्फ उस भूमि को दान में दिया गया था,जिस पर वह बना है|

 

(12) भारत के मानचित्र पर प्रतिहार, पाल और राष्ट्रकूट वंश द्वारा शासित क्षेत्रों को दिखाएँ । वर्तमान समय में ये भारत के किस भाग में अवस्थित हैं?

उत्तर पेज न० 22 |

 

   BIHAR BOARD CLASS 7 HISTORY CHAPTER 3 QUESTION ANSWER (अतीत से वर्तमान कक्षा 7 Solution)


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                                       तुर्क-अफगान शासन

 

1. दिल्ली की स्थापना किस राजवंश के काल में हुई?

उत्तर- दिल्ली की स्थापना तोमर राजवंश के काल में हुई ।

 

2. अलाउद्दीन खिलजी के समय किस गुलाम सेना नायक ने दक्षिण भारत पर विजय प्राप्त की थी?

उत्तर:-अलाउद्दीन खिलजी के समय गुलाम सेना नायक मलिक काफूर ने दक्षिण भारत पर विजय प्राप्त की थी |

 

3. मूल्य नियंत्रण की नीति किस सुल्तान ने लागू की थी?

उत्तर मूल्य नियंत्रण की नीति अलाउद्दीन खिलजी ने लागू की थी।

 

4. दिल्ली के किस सुल्तान ने नहरों का निर्माण करवाया था?

उत्तर- दिल्ली के सुल्तान फिरोजशाह तुगलक ने नहरों का निर्माण करवाया था ।

 

5. मिलान करें-

     राजवंश                              संस्थापक

(क) प्रारंभिक तुर्क वंश                    (i) खिज्र खाँ

(ख) खिलजी वंश                        (ii) गयासुद्दीन

(ग) तुगलक वंश                        (iii) बहलोल

(घ) सैयद वंश                          (iv) जलालुद्दीन

(ङ) लोदी वंश                          (v) कुतुबुद्दीन ऐबक

 

उत्तर:-

(क) प्रारंभिक तुर्क वंश             (i) कुतुबुद्दीन ऐबक

(ख) खिलजी वंश                 (ii) जलालुद्दीन

(ग) तुगलक वंश                 (iii) गयासुद्दीन

(घ) सैयद वंश                   (iv) खिज खाँ

(ङ) लोदी वंश                    (v) बहलोल

 

आइए समझें :

6. दिल्ली सल्तनत के प्रशासनिक व्यवस्था के अंतर्गत अक्तादारी व्यवस्था पर प्रकाश डालें ।

उत्तर दिल्ली के तुर्क शासकों ने अपने अमीरों को भिन्न-भिन्न आकार के इलाकों में नियुक्त किया था। ये इलाके अक्ताकहलाते थे| इनका दायित्व अपने अक्ता में कानून एवं व्यवस्था को बनाये रखना,आवश्यकता पड़ने पर सुल्तान को सैनिक मदद देना तथा भूमि कर की वसूली करना था |

 

7. सल्तनत काल में लगान व्यवस्था का वर्णन करें और यह बतावें कि किसानों के जीवन पर इसका क्या प्रभाव था?

उत्तर:- सल्तनत काल में धनी किसान का वर्ग राज्य की ओर से किसानों से भूमिकर वसूल करते थे | इस सेवा के बदले में उन्हें कर का एक हिस्सा मिलता था| ये अपनी भूमि पर लगने वाले कर का बोझ गरीब किसानों पर डाल देते थे|

 

8. दिल्ली के सुल्तानों की प्रशासनिक व्यवस्था में कार्यरत अधिकारियों की सूची बनाएँ और उनके कार्यों का उल्लेख करें ।

उत्तर- दिल्ली के सुल्तानों की प्रशासनिक व्यवस्था में कार्यरत अधिकारियों की सूची और उनके कार्य निम्नांकित थे-

    अधिकारी                           कार्य

सूबेदार                            सूबे का मुख्य अधिकारी

सेनापति                           सेना पर नियंत्रण रखना

वजीर                             वित्त विभाग का प्रधान

आरिजे ममालिक                सुल्तान की सेना का प्रधान

वकील-ए-दर                    राजपरिवार की देखभाल करना

काजी                                न्याय करना

दीवान-ए-इंशा                    राजकीय फरमान जारी करना

बरीद-ए-मुमालिक                  गुप्त सूचना एकत्र करना

मुक्ती                      आक्ता में शांति व्यवस्था बनाये रखना

आमिल                      वसूले गये राजस्व का हिसाब रखना

 

9. सल्तनत काल में उपजाये जाने वाले अनाजों को खरीफ एवं रबी फसलों में बाँटकर समझाएँ ।

उत्तर सल्तनत काल में उपजाये जाने वाले अनाजों की खरीफ एवं रबी फसल निम्नांकित थे-

खरीफ- धान, ज्वार, बाजरा, तिल, कपास

रबी- गेहूँ, जौ, उड़द, मूँग, मसूर

 

आइए विचार करें :

10. अलाउद्दीन खिलजी के मूल्य नियंत्रण पर प्रकाश डालते हुए विचार करें कि क्या वर्तमान समय में सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर वस्तुओं की बिक्री की कोई योजना कार्य कर रही है?

उत्तर:- वस्तुओं के मूल्य निर्धारित करने में अलाउद्दीन खिलजी का उद्देश्य अपनी प्रजा को सभी वस्तुएँ उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना था | सुल्तान ने खाद्यान्नों से लेकर वस्त्रों, दासों, मवेशियों आदि को निर्धारित कर दिया |

               वर्तमान समय की सरकारें अनाज के खरीद के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य निश्चित कर देती हैं। दुकानों पर अधिकांश सामानों पर मूल्य अंकित रहते हैं।

 

11. सल्तनत कालीन किसानों एवं आज के किसानों में आप क्या समानता और असमानता देखते हैं?

उत्तर:- सल्तनत कालीन किसानों को मजबूर किया जाता था कि वे अपना अनाज सरकारी दर पर व्यापारियों के हाथ बेंचे । लेकिन मूल्य निश्चित होने के बावजूद आज के किसान अपनी उपज बेचने के लिए स्वतंत्र हैं । सल्तनत काल में सरकारी गोदामों में अनाज रखे जाते थे, आज भी रखे जाते हैं । सल्तनत कालीन किसान केवल हल-कुदाल से खेती करते थे लेकिन आज के किसान यांत्रिक कृषि भी करने लगे हैं ।

 

आइए करके देखें:-

 12. मुहम्मद बिन तुगलक की योजनाओं को रेखांकित करते हुये उसकी असफलताओं के कारणों को ढूढ़ें|

उत्तर:-

योजना का नाम

कारण

असफलता का कारण

राजधानी परिवर्तन

दिल्लीवासियों के प्रति अविश्वास

परेशानी देख विचार का बदल जाना

खुरासान विजय

राज्य विस्तार

खुरासान और मिस्त्र में दोस्ती

सांकेतिक मुद्रा का प्रचलन

सोने-चाँदी की कमी

नकली सिक्कों का बनना

दोआब में कर वृद्धि

उपज का आधा कर वृद्धि

किसान का परेशान होना

कृषि सुधार

उपज वृद्धि के लिए

भ्रष्टाचार का फैलना

 

   BIHAR BOARD CLASS 7 HISTORY CHAPTER 4 QUESTION ANSWER (अतीत से वर्तमान कक्षा 7 Solution)


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                                              मुगल साम्राज्‍य

                    अभ्यास

 

1. सही जोड़ बनाएँ-

(क) मनसब                      न्याय की जंजीर

(ख) बैरम खाँ                         पद

(ग) सूबेदार                         अकबर

(घ) जहाँगीर                        चित्तौड़

(ङ) महाराणा प्रताप                     गवर्नर

 

उत्तर :

(क) मनसब                    पद

(ख) बैरम खाँ                  अकबर

(ग) सूबेदार                    गवर्नर

(घ) जहाँगीर                 न्याय की जंजीर

(ङ) महाराणा प्रताप                  चित्तौड़

 

2. रिक्त स्थान भरें-

(i) पानीपत की प्रथम लड़ाई बाबर और ……….. के बीच ……… ई. में हुई ।

(ii) यदि जात एक मनसबदार के पद और वेतन का घोतक था, तो सवार उसके ………....... को दिखाता था |

(iii) शेरशाह ने ………..... बड़ी संख्या में निर्माण करवाया ।

(iv) अकबर का दरबारी इतिहासकार ……..……… था जिसने ………... नामक पुस्तक लिखी।

(v) ……….... मुगल साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था ।

 

 

उत्तर:-

(i) पानीपत की प्रथम लड़ाई बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच 1526 ई. में हुई ।

(ii) यदि जात एक मनसबदार के पद और वेतन का घोतक था, तो सवार उसके  सैन्य बल को दिखाता था |

(iii) शेरशाह ने सरायों की बड़ी संख्या में निर्माण करवाया ।

(iv) अकबर का दरबारी इतिहासकार अबुल फजल था जिसने अकबरनामा नामक पुस्तक लिखी।

(v) अकबर मुगल साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था ।

 

 आइए विचार करें-

1. मनसबदार और जागीरदार में क्या संबंध था?

उत्तर:मनसबदार केवल भूमि कर से मतलब रखते थे किंतु जागीरदार अपने जागीर पर प्रशासनिक कार्य भी करते थे। जागीरदार भूमि कर स्वयं वसूलते थे, जिसके लिए उन्हें अपनी जागीर में ही रहना अनिवार्य था, लेकिन मनसबदार कहीं भी रहकर अपने कर्मचारियों से लगान वसूलवाते थे ।

 

2. पानीपत के मैदान में होने वाली प्रथम लड़ाई का भारतीय इतिहास में क्या महत्व है?

उत्तर:पानीपत के मैदान में होने वाली प्रथम लड़ाई ने भारत में लोदी वंश का सर्वनाश कर दिया और भारत में एक नये वंश मुगल वंश की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया ।

 

3. मुगल शासन की विशेषताओं को बताओ। उनमें मनसबदारों की क्या भूमिका थी?

उत्तर:मुगल शासन काल में लोगों के जीवन का आधार खेती था| लगान देने के दबाव में उनका अनाज सस्ता बिक जाता था| अमीरों के लिये एशो आराम की वस्तुएँ बनाने वालों को यद्यपि मजदूरी कम मिलती थी लेकिन खाद्यान्नों के सस्ता होने के कारण इन्हें कठिनाई नहीं होती थी । मनसबदार साम्राज्य में बादशाह के क़ानून और आदेश लागू करते थे| वे बादशाह के लिए सैनिक जिम्मेदारियों को भी निभाते थे|

 

4. मुगल साम्राज्य के पतन के क्या कारक रहे?

उत्तर:- मुगल साम्राज्य के पतन का एक कारण था-औरंगजेब की अदूरदर्शिता। औरंगजेब की मृत्यु 1707 में हुई | उसके उत्तराधिकारी उस विशाल साम्राज्य को सम्भाल नहीं पायें| एक शासक के मरने के बाद उत्तराधिकार के लिए सामान्यतः संघर्ष होता था| इसमें धन और सैन्य शक्ति नष्ट होती गई| एक कारण आर्थिक कठिनाईयाँ थीं| 1707 के बाद न तो पर्याप्त धन बचा था और ना ही जागीर| उत्तर-पश्चिम से होने वाले हमलों ने भी मुगलों की शक्ति समाप्त कर दी|

 

5. भू-राजस्व से प्राप्त होने वाली आय मुगल साम्राज्य के स्थायित्व के लिए कहाँ तक जरूरी थी?

उत्तर:मुगल साम्राज्य की आय मुख्य रूप से भू-राजस्व से आती थी| वाणिज्य कर नगण्य ही था। समस्त प्रशासनिक कार्य इसी आय से पूरे किये जाते थे| राजदरबार के सभी कर्मचारियों का वेतन तथा अन्य खर्चों की पूर्ती राजस्व पर ही निर्भर था|

 

6. मुगल अपने आप को तैमूर के वंशज क्यों कहते थे?

उत्तर:मुगल माता की ओर से मंगोल शासक चंगेज खाँ और पिता की ओर से तैमूर के वंशज थे| लेकिन मुगल अपने आप को तैमूर के वंशज कहते थे क्योंकि उनके महान पूर्वज तैमूरलंग ने 1398 में दिल्ली पर अधिकार किया था|



  BIHAR BOARD CLASS 7 HISTORY CHAPTER 5 QUESTION ANSWER (अतीत से वर्तमान कक्षा 7 Solution)

 

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         शक्ति के प्रतीक के रूप में : वास्‍तुकला, किले एवं धार्मिक स्‍थल

 

1. मध्यकाल में मंदिर निर्माण की कितनी शैलियाँ मौजूद थीं?

(क) चार     (ख) पाँच       (ग) तीन      (घ) दो

 

2. बिहार में नागर शैली में बने मंदिरों का सबसे अच्छा उदाहरण कौन-सा है?

(क) महाबोधि मंदिर                 (ख) देव का सूर्य मंदिर

(ग) पटना का महावीर मंदिर          (घ) गया का विष्णु मंदिर

 

3. मुसलमानों द्वारा बिहार में बनाई गई सबसे महत्वपूर्ण इमारत कौन है?

(क) मलिकबया का मकबरा          (ख) बेगु हजाम की मस्जिद

(ग) तेलहाड़ा की मस्जिद            (घ) मनेर की दरगाह

 

4. मुगलकालीन स्थापत्य कला अपने चरम पर कब पहुँचा?

(क) अकबर के काल में           (ख) जहाँगीर के काल में

(ग) शाहजहाँ के काल में          (घ) औरंगजेब के काल में

 

5. शाहजहाँ ने लाल किला का निर्माण दिल्ली में किस वर्ष करवाया?

(क) 1638            (ख) 1648           (ग) 1636        (घ) 1650

 

उत्तर : 1. (ग), 2. (क), 3. (घ), 4. (ग), 5. (क)

 

सही और गलत की पहचान करें :

(i) उत्तर भारत में मंदिर निर्माण की द्राविड़ शैली प्रचलित थी ।

(ii) कोणार्क का सूर्य मंदिर बंगाल में स्थित है ।

(iii) मुगलकालीन वास्तुकला अकबर के शासन काल में अपने चरम विकास पर पहुँचा

(iv) शेरशाह का मकबरा सल्तनत काल और मुगल काल की वास्तुकला के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता है ।

(v) बिहार में मुस्लिम उपासना स्थल निर्माण का प्रथम उदाहरण बेगुहजाम मस्जिद है।

 

उत्तर : (i) गलत है। सही है कि नागर शैलीप्रचलित थी ।

(ii) गलत है। सही है कि उड़ीसामें है ।

(iii) गलत है। सही है कि शाहजहाँ के शासन काल में ।

(iv) सही है ।

(v) गलत है। सही है कि मनेर का दरगाह प्रथम उदाहरण है ।

 

1. मंदिरों के निर्माण से राजा की महत्ता का ज्ञान कैसे होता है?

उत्तर मध्यकालीन शासकों ने जितने मंदिर बनवाये, यह उनकी आस्था का प्रतीक तो था ही, यह भी सम्भव है कि वे राजा प्रजा को यह दिखाना चाहते हों कि वे उनकी आस्था को भी आदर देना चाहते हैं । वे प्रजा से अपने आदर के भी आकांक्षी थे । वे यह भी दिखाना चाहते थे कि वे न सिर्फ सैनिक शक्ति में, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी मजबूत हैं । वे वास्तुकारों को रोजगार भी मुहैया कराना चाहते थे । इस प्रकार हम देखते हैं कि मंदिरों के निर्माण से राजा की महत्ता का ज्ञान निश्चित ही प्राप्त होता है ।

 

2. वर्त्तमान इमारत और मध्यकालीन इमारतों में उपयोग की जाने वाली सामग्री के स्तर पर आप क्या अन्तर देखते हैं?

उत्तर वर्तमान इमारत और मध्यकालीन इमारतों में उपयोग की जाने वाली सामग्री के स्तर पर हम यह अंतर पाते हैं कि वर्तमान में ईंट, बालू, सीमेंट, छड़ की प्रधानता रहती है । कुछ धनी-मानी लोग फर्श बनाने में, संगमरमर का उपयोग भी करते हैं । इसके पूर्व अंग्रेजी काल में ईंट, चूना-सूर्खी का गारा, लकड़ी और छड़ आदि का उपयोग होता था । 1950 के पहले के बने इमारतों में ये ही सामग्रियाँ व्यवहार की जाती थीं । मध्यकालीन इमारतों में मुख्य सामग्री पत्थर थे । पत्थरों को तराशा जाता था । मन्दिरों की बाहरी और भीतरी दीवारों को विभिन्न प्रकार की मूर्तियों से अलंकृत किया जाता था ।

 

3. मंदिर निर्माण की नागर और द्रविड़ शैलियों में अंतर बताएँ ।

उत्तरमंदिर निर्माण की नागर और द्राविड़ शैलियों का उपयोग साथ-साथ ही हुआ । नागर शैली जहाँ उत्तर भारत में प्रचलित थी वहीं द्राविड़ शैली दक्षिण भारत में प्रचलित थी । नागर शैली के मंदिर आधार से शीर्ष तक आयताकार एवं शंक्वाकार. संरचना से बने होते थे । शीर्ष क्रमशः नीचे से ऊपर पतला होता जाता है, जिसे शिखर कहा जाता था। प्रधान देवता की मूर्ति जहाँ स्थापित होती थी, उसे गर्भ गृह कहते थे । मंदिर अलंकृत स्तंभों पर टिका होता था । चारों ओर प्रदक्षिणा पथ भी होता था ।

 


 

 

 

 

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