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इश्क का रोग 2

 shayari


क्या हुआ यार! तेरी आंखें क्यूं है नम
बस करो,तुम नहीं हो किसी दुश्मन से कम।

क्या तुम्हे पता नही उसकी शादी हो गई
करियर बनाने में मुझे काफी देर हो गई।

सोचा था करियर बना के करूंगा प्यार का इजहार
मुहब्बत के खेल मे खेलने से पहले ही मुझे मिली हार।

उसके पापा बोले - प्यार से पेट नही भरता,पहले कमाओ धन - दौलत
मैंने कह दिया -  दे दीजिए मुझे सिर्फ एक साल की मोहलत।

अब पैसे तो हैं लेकिन मैं हूं प्यार का भिखारी
गरीब परिवार में जन्म लिया,क्या यही है गलती सारी।

जब पहली बार तुझे देखा...तभी समझ लिया सारी उम्र चाहना है तुझे
मैंने क्या खता की... जो किस्मत बीच मझधार में छोड़ दी मुझे।





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1 Comments

  1. kamaal kr yaar hmko to yakeen hi nhi hota ki tum itna achha likh rha h

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